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    Shyam Rajak: श्याम रजक ने कब-कब मारी पलटी? लालू ने सिखाया था राजनीति का ककहरा; फिर नीतीश के बन गए थे दुलारे

    Updated: Fri, 23 Aug 2024 10:40 AM (IST)

    Bihar Politics बिहार के कद्दावर नेता श्याम रजक ने गुरुवार को लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा दे दिया। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजद में राष्ट्रीय महासचिव का पद संभाल चुके श्याम रजक जेडीयू में भी शामिल हो सकते हैं। श्याम रजक ने लालू की पार्टी से ही राजनीति की शुरुआत की थी।

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    श्याम रजक का सियासी सफर (सोशल मीडिया फोटो)

    डिजिटल डेस्क, पटना। Shyam Rajak Political Journey: श्याम रजक के आरजेडी से इस्तीफा लेते ही बिहार की सियासत तेज हो गई। श्याम रजक बिहार के कद्दावर नेता माने जाते हैं। श्याम रजक का सियासी सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। लालू और नीतीश कुमार दोनों के खासमखास रहे हैं। श्याम रजक बिहार सरकार में मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं।

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    तो आइए बताते हैं कि श्याम रजक का सियासी सफर कैसा रहा है और उन्होंने कब-कब पलटी मारी है। श्याम रजक किस पार्टी में सबसे अधिक दिन बिताए हैं। श्याम रजक अक्सर टीवी पर पार्टी की आवाज बुलंदी से रखते नजर आते हैं।

    श्याम रजक ने लालू यादव की पार्टी से शुरू किया था सियासी सफर

    70 साल के श्याम रजक धोबी जाति से आते हैं और वह जयप्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गये 1974 के आंदोलन की उपज हैं। आरजेडी के गठन के बाद वह लालू के साथ हो लिए। लालू यादव ने उन्हें राजनीति में जगह दी। 1995 में आरजेडी के टिकट से चुनाव लड़ा था।

    इसमें उन्हें जीत भी मिली। इसके बाद वह लालू के संगठन में भी पैठ बना ली थी। फुलवारी से उन्हें छह बार जीत मिली। आरजेडी में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का पद मिला था।

    2009 में श्याम रजक ने RJD छोड़ दी

    बता दें कि 2009 में श्याम रजक ने लालू की पार्टी आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। वे जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए और नीतीश कुमार के खासमखास हो गए। उन्हें अखिल भारतीय धोबी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। नीतीश कुमार की सरकार में उन्हें मंत्री पद भी मिला। 2019 से 2020 तक श्याम रजक नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री रहे।

    2020 में जेडीयू ने पार्टी से किया था निष्कासित

    2020 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने जेडीयू में बगावत शुरू कर दी थी। फिर अगस्त 2020 में जेडीयू ने ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद वे फिर आरजेडी में शामिल हुए। श्याम रजक को RJD में बड़ी जिम्मेवारी दी गई थी। श्याम रजक को फिर से RJD का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। हालांकि, श्याम रजक की आरजेडी में एंट्री के कुछ दिनों बाद तेज प्रताप यादव ने मोर्चा खोल दिया था।

    2024 में फिर आरजेडी से इस्तीफा

    2024 में एक बार फिर से श्याम रजक ने लालू यादव की पार्टी आरजेडी को बाय कह दिया। उन्होंने इस दौरान एक शायरी भी लिखी जो खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने लिखा कि 'मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।’

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