बिहार में सात एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होंगे स्थापित, केंद्र ने मांगा राज्य सरकार से प्रस्ताव
Eklavya Model Residential School in Bihar प्रदेश में चालू वित्त वर्ष में सात एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित होंगे। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग से इन विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने प्रस्ताव मांगा है । अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग केंद्र सरकार को जगह चिन्हित कर प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है।

पटना, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में चालू वित्त वर्ष में सात एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित होंगे। संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थितियों में सुधार के उद्देश्य से ये विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री पीवीजीटी विकास मिशन के तहत वंचित वर्ग को प्रमुखता देते हुए जनजातीय वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग से इन विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने प्रस्ताव मांगा है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में सात और जिलों में अनुसूचित जनजाति बहुल प्रखंड में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने का प्रावधान है।
प्रत्येक विद्यालय में 22-24 शिक्षक किए जाएंगे नियुक्त
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग केंद्र सरकार को जगह चिन्हित कर प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यदि सात नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित हुए तो उसमें करीब साढ़े आठ हजार छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा। इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति आयोग के माध्यम से होगी। प्रत्येक विद्यालय में 22-24 शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना
यह योजना वर्ष 1997-98 में दूरदराज के क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक और उच्च स्तरीय शिक्षा देने के उद्देश्य से लागू की गई। 50 प्रतिशत या इससे अधिक आबादी और कम से कम 20 हजार अनुसूचित जनजाति वाले प्रत्येक प्रखंड में वर्ष 2022 तक यह विद्यालय खोले जाने थे। अभी बिहार में तीन विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो जमुई, कैमूर जिला के अधौरा और पश्चिम चंपारण के रामनगर में हैं।
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