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    बिहार में साइबर अपराधों पर नकेल कसने की तैयारी, बनेगा सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 08:14 AM (IST)

    बिहार में साइबर अपराधों को रोकने के लिए सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (एसओसी) की स्थापना की जाएगी। गृह विभाग ने इसके लिए 14.74 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि यह केंद्र साइबर अपराध से जुड़े मामलों के निपटारे में तेजी लाएगा। पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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    साइबर अपराध पर नकेल को बनेगा सिक्योरिटी आपरेशन सेंटर

    राज्य ब्यूरो,पटना। राज्य में साइबर अपराधों पर नकेल कसने और सरकारी तंत्र को इसके प्रकोप से सुरक्षित करने के लिए एक विशेष केंद्र सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (एसओसी) की स्थापना की जाएगी।

    आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत स्थापित होने वाले इस केंद्र को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। गृह विभाग ने इसकी स्वीकृति देते हुए 14 करोड़ 74 लाख रुपये जारी कर दिए हैं।

    पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने यह जानकारी दी। एडीजी ने बताया कि साइबर अपराध से जुड़े मामलों का निष्पादन तेजी से करने में भी इस केंद्र की अहम भूमिका होगी।

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    इसके लिए अत्याधुनिक एवं उन्नत तकनीक वाले साफ्टवेयर समेत अन्य तरह के उपकरणों की खरीद की जाएगी। एडीजी खान ने बताया कि इसी माह ईओयू के 61 पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग (एमएल) विषय पर सी-डैक की मदद से दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है।

    इसके अलावा मई से डीएसपी, इंस्पेक्टर व दारोगा रैंक के 825 पुलिस पदाधिकारियों को साइबर प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

    विधायक प्रलोभन मामले में पांच विधायक समेत 20 से पूछताछ

    एडीजी ने बताया कि विश्वासमत के दौरान विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के मामले में अभी तक 20 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। इनमें पांच विधायक, छह राजनीतिक कार्यकर्ता या निजी व्यक्ति और नौ विधायकों के अंगरक्षकों से पूछताछ हो चुकी है।

    विधायकों में भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव, भागीरथी दवी, जदयू विधायक दिलीप राय, डा. संजीव, बीमा भारती से पूछताछ की गई है।

    इस मामले की जांच जारी है और अब तक दर्ज किए गए बयानों के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। प्रेस वार्ता के दौरान डीआइजी (साइबर) संजय कुमार सिंह भी मौजूद थे।

    यूट्यूब और गूगल से ली फर्जीवाड़ा की ट्रेनिंग

    एडीजी खान ने बताया कि हाल ही में मधेपुरा से पकड़े गए तीन साइबर अपराधियों रामप्रवेश कुमार, विकास कुमार और मिथिलेश कुमार से पूछताछ में यह बात सामने आई कि इन्होंने यूट्यूब और गूगल से साइबर फर्जीवाड़ा सीखा है।

    इनका गिरोह आधार डेटा और बायोमेट्रिक अपलोड के अलावा आधार सत्यापन से संबंधित सॉफ्टवेयर को लैपटॉप पर इंस्टॉल करके इनकी मदद से आधार की वेबसाइट यूआइडीएआइ से लोगों के बायोमेट्रिक डेटा की चोरी कर लेते थे।

    दूसरे लोगों के बायोमेट्रिक डेटा को फिंगरप्रिंट सिलिकॉन में बनवाकर इनका दुरुपयोग करके साइबर ठगी करते थे।

    एडीजी ने कहा कि इस बात की गंभीरता से जांच चल रही है कि आखिर यूट्यूब और गूगल में इस तरह के कंटेंट कैसे मौजूद हैं। अगर हैं, तो क्या-क्या हैं। इसके लिए केंद्रीय एजेंसी, सीडैक समेत अन्य के साथ समन्वय स्थापित कर समुचित जांच की जा रही है।

    इंजीनियर की पत्नी बबली राय की तलाश जारी

    एडीजी ने बताया कि ईओयू की तरफ से दो भ्रष्ट लोकसेवकों भागलपुर के जिला अवर निबंधक विनय सौरभ और ग्रामीण कार्य विभाग में मधुबनी अंचल के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में कार्रवाई की गई है।

    विनय सौरभ के खिलाफ वास्तविक आय से 188 प्रतिशत और विनोद कुमार राय के खिलाफ 69.35 प्रतिशत अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हो चुका है। विनोद राय को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि उनकी पत्नी बबली राय की गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है।