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    लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में कांग्रेस की सबसे बड़ी परीक्षा, जदयू के लिए भी बेहद अहम

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:19 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव का दूसरा चरण एक ओर जहां कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी परीक्षा साबित होगी तो वहीं ये चरण जदयू के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है। पढ़िए ये खास रिपोर्ट...

    लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में कांग्रेस की सबसे बड़ी परीक्षा, जदयू के लिए भी बेहद अहम

    पटना [एसए शाद]। बिहार में दूसरे चरण में भागलपुर और बांका के अलावा सीमांचल की तीन सीटों (पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज) पर 18 अप्रैल को मतदान होगा। यह चरण प्रदेश में कांग्रेस का भविष्य तय कर देगा। कांग्रेस को तालमेल में मिली नौ सीटों में से तीन पर इसी चरण में चुनाव होना है। राजग के दो मुस्लिम उम्मीदवारों में से एक महमूद अशरफ की किस्मत का भी फैसला यह चरण कर देगा।

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    कांग्रेस ने कटिहार से तारिक अनवर और पूर्णिया से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। तारिक अनवर राकांपा छोड़ कांग्रेस में आए हैं। वह कटिहार से पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। छठी बार चुनावी मैदान में हैं।

    जाहिर है उनकी लोकप्रियता और कांग्रेस के प्रति जनता का रुझान, दोनों का ही अंदाजा 18 मार्च को हो जाएगा। इस बार तारिक अनवर का मुकाबला जदयू के दुलालचंद गोस्वामी से है। बगल की पूर्णिया सीट पर कांग्रेस ने इस बार भाजपा छोड़ आए पूर्व सांसद पप्पू सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जिनका मुकाबला जदयू के निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा से है।

    संतोष कुशवाहा भी पहले भाजपा में थे, मगर 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह जदयू में आए। पिछले चुनाव में जदयू के जो दो प्रत्याशी जीते थे, उनमें संतोष कुशवाहा भी एक थे।

    किशनगंज में कांग्रेस का दांव

     किशनगंज में कांग्रेस ने हालांकि अपने दल के पुराने नेता डॉ. जावेद को उम्मीदवार बनाया है। वर्तमान में वह पार्टी से विधायक भी हैं। इससे पहले तीन बार विधायक रह चुके हैं। उनके मुकाबले जदयू ने महमूद अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया है। महमूद अशरफ राजग के दो मुस्लिम उम्मीदवारों में से एक हैं। दूसरे खगडिय़ा से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे चौधरी महबूब अली कैसर हैं। 

    भाजपा का मैदान में नहीं होना...

     पिछले लोकसभा चुनाव में सीमांचल की इन सीटों के अलावा भागलपुर और बांका में भी भाजपा कामयाबी नहीं मिली थी। यह चुनाव जदयू के लिए भी अहम है, क्योंकि भागलपुर और बांका की सीटें पार्टी ने अपने हिस्से में ली है। इस कारण भाजपा के सैयद शाहनवाज हुसैन और पुतुल देवी को बेटिकट होना पड़ा है। पुतुल देवी तो बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बांका के चुनावी मैदान में कूद पड़ी हैं।

    मुकाबले में जदयू के उम्मीदवार

     दूसरे चरण में जिन पांच सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से सभी पर महागठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ जदयू उम्मीदवार ही मैदान में हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के 30 उम्मीदवारों में से 22 ने जीत दर्ज की थी। जिन आठ सीटों पर भाजपा चुनाव हार गई थी, उनमें ये पांच सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर राजग की ओर से इस बार भाजपा की जगह जदयू चुनाव लड़ रहा है। 

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