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    Bihar News : पटना जिले से आई अच्छी खबर, कस्तूरबा विद्यालयों में लड़कियों के एडमिशन लिए ये नियम होगा लागू

    Kasturba Gandhi schools पटना के छह कस्तूरबा विद्यालय में दिव्यांग लड़कियों के लिए सीटें आरक्षित कर दी गई हैं। सभी बालिक विद्यालयों में छह से 18 वर्ष की लड़कियां विभिन्न कक्षाओं में नामांकन ले सकती हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का स्पष्ट आदेश है कि किसी दिव्यांग बच्चों का नाम नहीं काटा जाए।

    By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Shashank Shekhar Updated: Fri, 31 May 2024 08:26 AM (IST)
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    पटना जिले से आई अच्छी खबर, कस्तूरबा विद्यालयों में लड़कियों के एडमिशन लिए ये नियम होगा लागू (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटना। पटना जिले के छह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दिव्यांग लड़कियों के लिए 25-25 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं। सभी विद्यालयों में छह से 18 वर्ष की लड़कियां विभिन्न कक्षाओं में नामांकन ले सकती हैं। स्कूल में दिव्यांग लड़कियों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक नियुक्त किए गए हैं।

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    जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अधिक से अधिक दिव्यांग लड़कियों को चिन्हित कर उनका नामांकन कराना सुनिश्चित करें।

    दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक

    जिले के पटना सदर, पुनपुन, अथमलगोला, दनियावां और मनेर के (टाइप-एक और टाइप-चार विद्यालय) कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दिव्यांग लड़कियों के नामांकन के लिए 25-25 सीटें निर्धारित हैं, लेकिन इन विद्यालयों में नामांकन लेने वाली दिव्यांग लड़कियों की संख्या बहुत कम है, जबकि इन विद्यालयों में श्रवणबाधित और दृष्टिबाधित लड़कियों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक नियुक्त किए गए हैं।

    यह विद्यालय आवासीय है। जिसमें रहने और भोजन की निशुल्क व्यवस्था है। इसके अलावा श्रवणबाधित और दृष्टिबाधित लड़कियों को पढ़ने के लिए निशुल्क उपकरण भी दिए जा रहे हैं। इन विद्यालयों में नामांकन जारी है। 

    दिव्यांग लड़कियों का नाम काटने का प्रविधान नहीं 

    जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को शिकायत मिली है कि जो दिव्यांग लड़कियां स्कूल नहीं आ रही उनका नाम काटा जा रहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि किसी दिव्यांग बच्चों का नाम काटने का प्रविधान नहीं हैं।

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