Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Caste Based Survey पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई, जानें खास बात

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Fri, 18 Aug 2023 10:01 AM (IST)

    बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी शुक्रवार को सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एस.वी.एन. भट्टी की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले सोमवार को शीर्ष अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। इसके साथ ही निर्देश दिया था कि सभी समान विशेष अनुमति याचिकाओं को 18 अगस्त के लिए फिर से सूचीबद्ध किया जाए।

    Hero Image
    सुप्रीम कोर्ट की सांकेतिक तस्वीर। फोटो- जागरण

    पटना, जागरण डिजिटल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट आज बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण मामले पर सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एस.वी.एन. भट्टी की पीठ इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि शीर्ष अदालत ने जाति आधारित गणना को मंजूरी देने वाले पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 18 अगस्त तक टाल दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जल्द ही पब्लिक डोमेन में आ जाएगा जाति-आधारित सर्वेक्षण

    यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि शीर्ष अदालत में इस मामले को लेकर सुनवाई तब हो रही है, जब एक सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण का काम लगभग पूरा हो चुका है।  इसे जल्द ही सभी लोगों के सामने लाया जाएगा।

    याचिका में यह दिया गया है तर्क

    सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि केवल भारत सरकार के पास देश में जनगणना करने का अधिकार है। राज्य सरकार के पास बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण के संचालन पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।

    पटना हाईकोर्ट का फैसला

    1 अगस्त को पारित अपने फैसले में, पटना उच्च न्यायालय ने कई याचिकाओं को खारिज करते हुए, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के सर्वेक्षण कराने के फैसले को हरी झंडी दे दी थी।

    हाई कोर्ट का फैसले आने के बाद बिहार सरकार ने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी थी। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने सर्वेक्षण पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था जो इस साल 7 जनवरी को शुरू हुआ था और 15 मई को पूरा होने वाला था।

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य जाति आधारित सर्वेक्षण के मामले में अक्सर यह कहते हैं कि इस गणना का उद्देश्य केवल लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी एकत्र करना है, ताकि सरकार उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए विशिष्ट कदम उठा सके।