लालू यादव को SC से बड़ा झटका, लैंड फॉर जॉब मामले में स्टे देने से किया इनकार
नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में कोर्ट ने कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में ही तय होना चाहिए और शीर्ष अदालत इसमें दखल नहीं देना चाहती. इस फैसले के बाद ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दी है

डिजिटल डेस्क, पटना। नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में कोर्ट ने कहा कि यह मामला हाई कोर्ट में ही तय होना चाहिए और शीर्ष अदालत इसमें दखल नहीं देना चाहती. इस फैसले के बाद ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दी है
हालांकि सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को जल्द निपाटने का भी आदेश दिया है. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने लालू प्रसाद को निचली अदालत में सुनवाई में पेश होने से छूट प्रदान की है. बता दें कि लालू यादव को यह झटका तब लगा है जब प्रधानमंत्री मोदी बिहार के मोतीहारी के दौरे पर आ रहे हैं.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट पहले से सुनवाई कर रहा है तो इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने लालू यादव को फौरी राहत देते हुए ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत रूप मौजूद रहने की अनिवार्यता हटा दी। लालू यादव की ओर से प्रसिद्ध वकील कपिल सिब्बल ने पैरवी की थी। लालू यादव ने याचिका लगाकर तर्क दिया कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए के तहत अनुमति नहीं ली।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम
लालू यादव पर यूपीए सरकार के दौरान रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है। इस दौरान लालू यादव के परिवार के लोगों के नाम पर जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई गई। ये नौकरियां कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर और जबलपुर जोन में दी गई। सीबीआई के अनुसार लालू यादव के परिवार ने 4.39 करोड़ रुपये की जमीन महज 26 लाख रुपये में हासिल कर ली। अधिकतर मामलों में पैसे नकद लिए गए थे।
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