Sawan 2025: जुलाई में इस तारीख से आरंभ होगा भगवान शिव का प्रिय मास सावन, कितने सोमवारी व्रत होंगे?
पटना से खबर है कि सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है और 9 अगस्त को खत्म होगा। इस महीने में भगवान शंकर और पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। पंडित राकेश झा के अनुसार सावन में चार सोमवार होंगे जिसमें भक्त जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करेंगे। सावन में गंगाजल और बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। देवाधिदेव महादेव का प्रिय मास सावन 11 जुलाई शुक्रवार (Sawan 2025 Date) से आरंभ हो रहा है। सावन माह में 11 जुलाई से आरंभ होकर नौ अगस्त शनिवार को संपन्न होगा। सनातन धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। माह में भगवान शंकर व मां पार्वती का विधि-विधान के साथ पूजन, जलाभिषेक, रूद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है।
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि इस मास में चार सोमवार होंगे। पहली सोमवारी 14 जुलाई को दूसरी 21 को तीसरी 28 को एवं चौथा सोमवार चार अगस्त को होगा। सावन मास के शुक्ल पूर्णिमा नौ अगस्त शनिवार को रक्षा बंधन के पर्व के साथ समापन होगा।
सूर्य के दक्षिणायन होने पर सावन मास पड़ता है। माह का संचालन भगवान शिव करते हैं। सावन माह में शिव मंदिरों व घरों में भगवान शिव का जलाभिषेक, रूद्राभिषेक किया जाएगा। सावन में गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस दौरान शिव भक्त शिव पंचाक्षर मंत्रों का जाप करने के साथ शिव चालीसा, रूद्राष्टक का पाठ करेंगे।
जलाभिषेक से उत्तम फल की प्राप्ति:
पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मंथन के बाद जो हलाहल विष निकला था उसे भगवान शंकर ने अपने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की थी। विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया था। इसी कारण भगवान शिव नीलकंठ महादेव के रूप में जाने जाते हैं।
विष के प्रभाव को कम करने को लेकर देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था। ऐसे में भगवान को जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव स्वयं जल हैं। जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करना सबसे उत्तम पूजन होता है।
सावन एक नजर में:
- 11 जुलाई: श्रावण मास आरंभ
- 14 जुलाई: पहली सोमवारी
- 21 जुलाई: दूसरी सोमवारी
- 21 जुलाई : कामदा एकादशी व्रत
- 22 जुलाई: भौम प्रदोष
- 24 जुलाई: हरियाली अमावस्या
- 27 जुलाई: हरियाली तीज
- 28 जुलाई: तीसरी सोमवारी
- 29 जुलाई: नाग पंचमी
- 4 अगस्त: चौथी सोमवारी
- 5 अगस्त: पुत्रदा एकादशी व्रत
- 6 अगस्त: प्रदोष व्रत
- 9 अगस्त: सावन पूर्णिमा व रक्षा बंधन
शिव उपासना की तिथियां:
- कृष्णपक्ष में: 1,4,5,8,11,12,30
- शुक्लपक्ष में: 2,5,6,9,12,13
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