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    बिहार के इन शहरों में बनेगी सैटेलाइट टाउनशिप, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 09:53 AM (IST)

    नगर विकास विभाग ने पटना सहित सभी प्रमंडलीय शहरों में सैटेलाइट टाउनशिप बनाने का फैसला किया है। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक सलाहकार समिति बनेगी जो योजनाओं की निगरानी करेगी। भूमि अधिग्रहण से पहले भूस्वामियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा और छोटे भूस्वामियों को प्राथमिकता दी जाएगी। विकासकर्ताओं का चयन नगर विकास विभाग करेगा।

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    नगर विकास विभाग ने पटना सहित सभी प्रमंडलीय शहरों में सैटेलाइट टाउनशिप बनाने का फैसला किया है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। नगर विकास एवं आवास विभाग ने राजधानी समेत सभी प्रमंडलीय शहरों में सैटेलाइट टाउनशिप बनाने की जिम्मेदारी तय कर दी है। सैटेलाइट टाउनशिप की रूपरेखा तैयार करने और उसकी निगरानी के लिए एक सलाहकार समिति बनेगी।

    संबंधित जिले के डीएम इसके अध्यक्ष होंगे। शहरी नियोजन योजना के क्रियान्वयन, टाउनशिप की सीमाओं पर राय देने, जन सुविधाओं की निगरानी का काम भी समिति करेगी। टाउनशिप विकसित होने के बाद भूमि पुनर्वितरण से संबंधित निर्णय समिति के माध्यम से ही लिए जाएंगे।

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    इसके अलावा टाउनशिप की पूर्ण या आंशिक स्वीकृति या स्वीकृति रद्द करने की अनुशंसा भी समिति के पास होगी। इसके अलावा विकासकर्ताओं के चयन की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग द्वारा नामित विकास प्राधिकार को दी जाएगी।

    टाउनशिप में सत्यापन के बाद ही भूस्वामियों से जमीन ली जाएगी। स्वामित्व विवरण और संबंधित आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और उत्पाद एवं निबंधन विभाग से भी सलाह ली जाएगी।

    इस बात का ध्यान रखा जाए कि विकसित टाउनशिप में छोटे भूस्वामियों को निर्माण एवं उपयोगिता के लिए उपयुक्त भूखंड आवंटित किए जाएं। इसके लिए छोटे भूस्वामियों के भूखंडों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया है।

    सलाहकार समिति में कई विभागीय अधिकारी शामिल होंगे

    सलाहकार समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। इसमें संबंधित नगरीय निकायों के मुख्य नगर कार्यपालक पदाधिकारी, विभाग के नगर नियोजक, भू-अर्जन पदाधिकारी, संबंधित अंचल के सीओ सदस्य होंगे। इनके अलावा पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, उत्पाद एवं निबंधन, पर्यावरण एवं वन, ग्रामीण विकास, उद्योग, पंचायती राज विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। योजना प्राधिकार के नियुक्त पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा अध्यक्ष शहरी नियोजन के जानकार व्यक्ति को विशेषज्ञ के रूप में रखेंगे।