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    संजीव प्रकाश शर्मा बने पटना हाई कोर्ट के जज, अब 26 हो गई न्यायाधीशों की संख्या

    संजीव प्रकाश शर्मा ने पटना हाईकोर्ट के जज के रूप में शनिवार को शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने हाईकोर्ट के शताब्दी भवन (सेंटेनरी बिल्डिंग) की लाबी में पूर्वाह्न 11 बजे उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।

    By Akshay PandeyEdited By: Updated: Sat, 01 Jan 2022 04:41 PM (IST)
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    पटना हाई कोर्ट परिसर का दृश्य। सांकेतिक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने पटना हाईकोर्ट के जज के रूप में शनिवार को शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने हाईकोर्ट के शताब्दी भवन (सेंटेनरी बिल्डिंग) की लाबी में पूर्वाह्न 11 बजे उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। न्यायाधीश शर्मा का जन्म 27 सितंबर 1964 में हुआ था। उन्होंने 30 मई 1987 से वकालत शुरू की और 16 नवंबर 2016 को जज बने। उन्होंने संवैधानिक, सर्विस, कामर्शियल, लेबर, क्रिमिनल व आर्बिट्रेशन आदि से जुड़े क्षेत्रों में प्रैक्टिस की।

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    इसके साथ ही उन्होंने जेवीवीएनएल, कोटा ओपेन यूनिवर्सिटी, संस्कृत यूनिवर्सिटी, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, एनएचएआई, आईडीबी के भी वकील रह चुके हैं। उनके पद ग्रहण के बाद पटना हाई कोर्ट में जजों की संख्या 26 हो गई है, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 53 है। उनके शपथ ग्रहण पर पटना हाईकोर्ट के जजों समेत राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर, स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय ठाकुर, महासचिव राजीव सिंह, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह, मुकेश कांत एवं प्रशांत प्रताप समेत अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया गया।

    जेलों में लगेगा विधिक जागरूकता व जीवन कौशल पर कैम्प 

    राज्य की जेलों में विधिक जागरूकता व जीवन कौशल प्रशिक्षण कैम्प लगने जा रहा है। पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रणविजय सिंह ने बताया कि कारागार में बंदियों के बीच साकारत्मक सोच पैदा हो इसके लिए शिविर में बहुयामी विषयों पर व्याख्यान, योगा, ध्यान, एवं ह्रदय परिवतर्न को लेकर पहल की जाएगी। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जेल में अस्सी प्रतिशत निर्दोष लोग बंद हैं, जिन्हें किसी गुनहगार के सगे संबंधियों के नाते मुकदमे में फंसाया गया है। वहीं पेशेवर अपराधियों के लिए जेल अय्याशी का अड्डा बन गया है और वो वहीं से गुनाहों का खेल खेलता है।