बिहार भाजपा की कमान आज संजय सरावगी के हाथ, संगठन और सियासत में नए अध्याय की शुरुआत
संजय सरावगी आज बिहार भाजपा की कमान संभालेंगे। इस बदलाव के साथ, बिहार भाजपा संगठन और राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत करने जा रही है। पार्टी को उम्मी ...और पढ़ें

भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की राजनीति में आज एक अहम दिन है। भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है और इस जिम्मेदारी की कमान दरभंगा सदर से छह बार विधायक रहे संजय सरावगी संभालेंगे। पटना स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में वे औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगे। इस मौके को लेकर पार्टी के भीतर खासा उत्साह है और संगठन के वरिष्ठ नेता, मंत्री तथा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कार्यक्रम में शामिल होंगे। भाजपा के लिए यह सिर्फ नेतृत्व परिवर्तन नहीं, बल्कि आने वाले राजनीतिक दौर की तैयारी का संकेत भी माना जा रहा है।
सोमवार को पार्टी नेतृत्व की ओर से संजय सरावगी के नाम की घोषणा होते ही बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई थी। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिलीप कुमार जायसवाल के पास थी।
घोषणा के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने संजय सरावगी के आवास पर पहुंचकर उन्हें बधाई दी।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा उनके लिए मां के समान है और पार्टी ने जो भरोसा उन पर जताया है, उसे वे पूरी निष्ठा से निभाएंगे।
छात्र राजनीति से निकलकर प्रदेश अध्यक्ष बनने तक का संजय सरावगी का सफर संगठनात्मक राजनीति की मिसाल माना जाता है। दरभंगा के गांधी चौक क्षेत्र में जन्मे संजय सरावगी का जन्म 28 अगस्त 1969 को हुआ।
उन्होंने एमकॉम और एमबीए तक की पढ़ाई की और छात्र जीवन में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति की राह पकड़ ली। वर्ष 1995 में वे औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हुए और तभी से पार्टी के लिए लगातार सक्रिय भूमिका निभाते रहे।
संजय सरावगी की पहचान एक मजबूत जनाधार वाले नेता के रूप में है। उन्होंने पहली बार 2005 में दरभंगा सदर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और इसके बाद नवंबर 2005, 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार छह बार विधायक चुने गए।
इससे पहले वे दरभंगा नगर निगम में वार्ड पार्षद भी रह चुके हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि और क्षेत्र में गहरी पकड़ उन्हें पार्टी के भरोसेमंद नेताओं की कतार में खड़ा करती है।
सरकार और संगठन, दोनों मोर्चों पर संजय सरावगी का अनुभव रहा है। पिछले वर्ष नीतीश कुमार सरकार के कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया गया था। हालांकि मौजूदा मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली, लेकिन तभी से यह चर्चा चल रही थी कि पार्टी उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है।
अब प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही यह साफ हो गया है कि भाजपा बिहार में संगठनात्मक मजबूती पर विशेष ध्यान देने जा रही है।
पदभार संभालने से पहले संजय सरावगी ने संकेत दिए हैं कि कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना उनकी प्राथमिकता होगी। उनका कहना है कि पार्टी का हर कार्यकर्ता महत्वपूर्ण है और संगठन की ताकत जमीनी स्तर से ही बढ़ती है।
नितिन नवीन को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने को उन्होंने संगठन के लिए सकारात्मक कदम बताया।
मिथिलांचल से प्रदेश नेतृत्व का चयन भाजपा की राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है। वैश्य (ओबीसी) समुदाय से आने वाले संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय संदेश दोनों देने की कोशिश की है।
अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि उनके नेतृत्व में भाजपा बिहार की राजनीति में किस तरह नई धार देती है।

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