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Video: बिहार में 'गैंग्‍स आफ वासेपुर', यहां से लाश तो दूर खबर तक बाहर नहीं आती; फौजी और सिपाही का चलता है राज

Video of Gang War बिहार का एक इलाका ऐसा है जिसके बारे में जानकर आपको गैंग आफ वासेपुर भी कमतर नजर आने लगेंगे। यहां फौजी और सिपाही गैंग की हुकूमत चलती है। पुलिस वाले भी इस इलाके में जाने पर सावधानी बरतते हैं और समूह में ही जाते हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 11:54 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 02:38 PM (IST)
Video: बिहार में 'गैंग्‍स आफ वासेपुर', यहां से लाश तो दूर खबर तक बाहर नहीं आती; फौजी और सिपाही का चलता है राज
Bihar News: बिहार में सोन के दियारा में गैंग वार की पुरानी तस्‍वीर। वीडियोग्रैब

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar News: बिहार में भी एक 'वासेपुर' है, जहां गैंग्‍स आफ फौजी और सिपाही का राज चलता है। यहां गोलियां चलती हैं, तो गिनती नहीं होती। लाशें गिरती हैं तो उनकी खबर तक बाहर नहीं आती। यहां बिना किसी डिग्री के 60 हजार रुपए महीने की नौकरी पक्‍की है। और इसके लिए योग्‍यता यह है कि आपके पास एक पिस्‍टल होनी चाहिए थी। जरूरत पड़ने पर गोली झाेंक देने की हिम्‍मत।

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गोलियों के खर्च की परवाह नहीं करते 

गोलियां के खर्च की परवाह आपको नहीं करनी है। जो आपको सैलरी देगा, वहीं आपको झोला भर-भरकर गोलियां देगा। बस आपको जरूरत पड़ने पर पीछे नहीं हटना है। या तो सामने वाले को गोली मारकर गिरा देना है या खुद गोली खाकर गिर जाना है। बीते बुधवार की रात यह इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा, तो ऐसा ही हुुुआ। वैसे यहां दिन हो या रात, गोली चलाने वाले इस पर ध्‍यान नहीं देते।

गंगा और सोन के दियारा में चलता है गुंडा राज  

यह बिहार की राजधानी पटना से केवल 30 किलोमीटर दूर गंगा और सोन नदी के दियारा में होता है। पटना, सारण (छपरा), भोजपुर और अरवल जिले से लगते दियारा में बालू तस्‍करों का समांतर राज चलता है। इनका खौफ ऐसा है कि बालू का ठीका लेने वाली बड़ी कंपनी ब्राडसन ने हाथ खड़े कर दिए थे। 

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लाशें देखने को तरस रहे परिवार 

बुधवार की रात पटना जिले के अमनाबाद दियारा में बालू तस्‍करों के बीच गैंग वार के बाद पुलिस को केवल एक शख्‍स की लाश मिली है। हालांक‍ि, इस वारदात के बाद कई लोग लापता हैं। उनके परिवारों का दावा है कि बालू तस्‍करों ने शव को पोकलैंड से खोदकर बालू के अंदर दबा दिया है। 

हमर बेटवा के लाशवा दिलवा द

हमरा आउ कुछ ना चाहीं, हमर कम से कम बेटवे के लाशवा दिलवा द। यह कहते हुए शत्रुध्न राय की बूढ़ी मां लगनी देवी फफक पड़ती हैं। लगनी देवी कहती हैं सब के साथ बिहटा थाना गए थे। बेटे के लापता होने का मामला दर्ज कराना चाहते थे या हत्या की भी। मगर बिहटा पुलिस ने हम लोगों को भगा दिया कहा कि यहां कोई हत्या  नहीं हुई है।

शत्रुध्‍न की बेटी खोलती है प्रशासन की पोल 

शत्रुुध्‍न के साथ हुई घटना की खबर सुनकर सगे-संबंधी उसके घर आ गए हैं। शत्रुध्‍न राय की बेटी संध्या का कहना है कि उनके पिता की दो नाव हैंं। इनमें एक पार्टनर व्यापुर भूधर टोला निवासी लालदेव राय भी हैं। संध्‍या के मुताब‍िक पिता शत्रुध्न राय, लालदेव राय व मजदूर जहानाबाद के मुकेश राय भी गुरुवार की सुबह तीन बजे अपनी नाव पर बालू लादने गए थे। इस बीच तीनों की हत्या के बाद बालू में ही पोकलेन के सहायता से दफन कर दिया। 

प्रशासन केवल एक मौत का कर रहा दावा 

अमनाबाद दियारा में प्रशासन ने बालू के बीच से कारतूस और खोखे के ढेर बरामद किए हैं। जो तस्‍वीरें सामने आ रही हैं, उनसे साफ है कि वहां सैकड़ों राउंड फायरिंग हुई है। हालांकि पुलिस मुख्‍यालय में प्रेस वार्ता के दौरान एडीजी मुख्‍यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि केवल एक शख्‍स की लाश मिली है। और किसी घायल शख्‍स का इलाज किसी अस्‍पताल में नहीं हो रहा है। 

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छोटी वारदातों की किसी को नहीं लगती भनक

इस दियारा में फौजी और सिपाही गैंग की हुकूमत चलती है। यहां छोटी-मोटी वारदातें हो जाएं, दो- चार राउंड गोली चल जाए, एक-दो मजदूरों की मौत या हत्‍या ही हो जाए, तो कई बार खबर तक बाहर नहीं आती, लाश का बाहर आना तो दूर है। प्रशासन अपनी बदनामी से बचने के लिए ऐसी खबरों पर पर्दा डालता है और तस्‍कर अपनी परेशानी से बचने के लिए। 

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