Bihar Politics: 'लालू ने जबरदस्ती अपने बेटे को...', तेजस्वी को लेकर ये क्या बोल गए सम्राट
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने पर लालू यादव पर निशाना साधा। उन्होंने लालू पर सहयोगी द ...और पढ़ें

तेजस्वी यादव, सम्राट चौधरी और लालू प्रसाद यादव। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि राजद के अध्यक्ष लालू यादव ने जबरदस्ती महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार अपने बेटे को घोषित करवा लिया।
भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में गुरुवार को सम्राट ने लालू यादव के 15 वर्षों के जंगलराज की ओर पत्रकारों का ध्यान आकृष्ट करते हुए महागठबंधन के सहयोगी दलों को टार्चर कर अपने बेटे को मुख्यमंत्री का प्रत्याशी बनाया है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता ने राजद को 15 वर्ष तक शासन करने का मौका दिया, लेकिन बिहार के लोगों को लूट, हत्या, भ्रष्टाचार का इनाम मिला। लालू यादव जैसे भ्रष्टाचारी के पुत्र को कांग्रेस एवं अन्य सहयोगी दलों ने मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन दिया।
सम्राट ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिहार के लोगों और बिहार की सुविधा के लिए जरूरी है। भ्रष्टाचारी लोग जो गुंडागर्दी की बदौलत सत्ता में बैठना चाहते हैं, उन्हें बिहार की जनता छह एवं 11 नवंबर को मतदान के माध्यम से महागठबंधन को करारा जवाब देगी।
जदयू ने तेजस्वी से पूछा ये सवाल
दूसरी ओर, जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार व प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम ने गुरुवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि महिला रोजगार योजना के तहत मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में दी जा रही राशि आर्थिक सहायता के रूप में है। यह राशि किसी भी स्तर पर वापस नहीं की जानी है। नेता प्रतिपक्ष यह बताएं कि क्या यह सही नहीं है?
नीरज ने कहा कि वर्ष 2011 में तेजस्वी यादव के पिता केंद्र की यूपीए सरकार के सहयोगी थे। उस समय केंद्र में बिहार की जीविका योजना को आजीविका के नाम से लागू किया गया। उस दौरान भी लालू प्रसाद चुप थे जबकि उस समय उनकी किडनी दुरुस्त थी और वह सजायाफ्ता भी नहीं थे। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है?

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