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    राजद-जदयू पर भड़के सम्राट चौधरी, बोले- रामचरितमानस भारत की आत्मा, भगवान राम के आदर्शों पर चलता है देश

    By Raman ShuklaEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Sat, 04 Feb 2023 05:01 AM (IST)

    विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को राजद और जनता दल यूनाइटेड पर जमकर हमला बोला। उन्होंने श्रीरामचरितमानस और भगवान श्रीराम पर ...और पढ़ें

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    रामचरितमानस भारत की आत्मा, भगवान राम के आदर्श : सम्राट चौधरी

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को राजद और जनता दल यूनाइटेड पर जमकर हमला बोला। उन्होंने श्रीरामचरितमानस और भगवान श्रीराम पर प्रश्न उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि श्रीरामचरितमानस तो देश की आत्मा है। जीते भी हैं तो भगवान राम की पूजा करते हैं और मरते समय भी हे राम कहते हैं। राम तो इस देश के संविधान में हैं और उन्हीं के आदर्श पर देश चलता है। देश की आत्मा पर प्रश्न उठाने वाला पापी है, वह मनुष्य नहीं हो सकता।

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    चौधरी ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जनकल्याण संवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजद जाति की लड़ाई लड़वाना चाहता है, जातीय उन्माद फैलाना चाहता है, क्योंकि राजद के नेता जानते हैं कि उन्हें ऐसे सत्ता नहीं मिलने वाली है। चौधरी ने कहा कि राजद पूरी तरह कन्फ्यूज है। वह समझ नहीं पा रही है कि लालू की विचारधारा पर चले कि तेजस्वी यादव की।

    राजद जातीय उन्माद पैदा करने की कोशिश में जुटा : विजय सिन्हा

    विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने राजद के 10 प्रतिशत वाले बयान पर कहा है कि राजद के लोगों ने सरकार में आते ही जातिवाद का जहर फैलाने का काम शुरू कर दिया है। राजद समाज में जातीय उन्माद पैदा कर वोट की फसल काटने की कुत्सित चाल में लगा हुआ है। महागठबंधन के नेता बिहार को फिर से 90 के दशक में वापस ले जाकर जातीय नरसंहार से समाज को भयभीत करना चाह रहे हैं। सिन्हा ने कहा कि राजद के लोगों को आज भी सच्चाई स्वीकारने में दिक्कत हो रही है।

    सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शासन के शीर्ष पर वंचित वर्गों से किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने नहीं दिया। परिस्थितिवश जीतन राम मांझी को उन्होंने मात्र नौ महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन फिर गद्दी से उन्हें जिस तरह बेआबरू कर बेदखल किया, ऐसा उदाहरण भी विरले देखने को मिलता है।