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    Samastipur Mass Suicide से याद आया दिल्‍ली का बुराड़ी कांड, सुपौल में भी फंदे से लटके मिले थे परिवार के पांच सदस्‍य

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jun 2022 12:39 PM (IST)

    Samastipur Mass Suicide बिहार के समस्‍तीपुर में ण्‍क परिवार के पांच सदस्‍य फंदे से लटके मिले हैं। बीते साल सुपौल में भी एक परिवार के पांच सदस्‍य इसी तरह फंदे से लटके मिले थे। ऐसी ही बड़ी घटना साल 2018 में दिल्‍ली के बुराड़ी में हुई थी।

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    Samastipur Mass Suicide: घटनास्‍थल पर पहुंची पुलिस व उमड़ी भीड़। तस्‍वीरें: जागरण।

    पटना, आनलाइन डेस्‍क। Samastipur Mass Suicide: बिहार के समस्‍तीपुर में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। वहां एक ही परिवार के पांच सदस्‍यों की फंदे से लटकती लाशें (Five of a Family Found Hanging) मिली हैं। यह हत्‍या है, हत्‍या के बाद आत्‍महत्‍या है या सामूहिक आत्‍महत्‍या; निश्‍चित तौर पर कुछ कहना फिलहाल संभव नहीं। हालांकि, स्‍थानीय लोग इस प्रथमदृष्‍टया सामूहिक आत्‍महत्‍या या या परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा हत्‍या के बाद आत्‍महत्‍या का मामला मान रहे हैं। जो भी हो, इस घटना ने दिल्ली के बुराड़ी कांड (Burari Mass Suicide) की याद ताजा कर दी है, जहां एक साथ परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। बिहार की बात करें तो ऐसी एक और घटना बीते साल सुपौल (Supaul Mass Suicide) में हो चुकी है। सुपौल में भी एक परिवार के पांच सदस्‍यों ने फंदे से लटककर जान दे दी थी।

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    समस्‍तीपुर में परिवार के पांच सदस्‍यों के फंदे से लटकते शव मिले

    सबसे पहले बात ताजा मामले की। बिहार के समस्‍तीपुर के विद्यापतिनगर थाना के मऊ गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्‍यों के फंदे से लटकते शव मिले हैं। शनिवार देर रात की यह घटना जब रविवार की सुबह सामने आई, तो हड़कम्‍प मच गया। कोई इसे सामूहिक आत्‍महत्‍या बता रहा है तो कोई सामूहिक हत्‍या। कुछ लोग इसे परिवार के एक या अधिक सदस्‍यों द्वारा अन्‍य की हत्‍या कर आत्‍महत्‍या भी बता रहे हैं। उन्‍हें परिवार के मुखिया मनोज झा के पुत्र 10 व सात साल के मासूम बेटों क्रमश: सत्यम कुमार व शिवम कुमार के आत्‍महत्‍या करने पर संदेह है। ऐसे में संभव है कि बच्‍चों की हत्‍या कर बड़ों ने आत्‍महत्‍या कर ली हो। घटना का कोई गवाह नहीं होने के कारण अब नजरें पुलिस जांच पर टिकी हैं। इसके बाद ही असली कारण स्‍पष्‍ट हो पाएंगे।

    मनोज पर चढ़ गया था भारी कर्ज, चुकाने में हो रही थी परेशानी

    मरने वालों में मनोज झा (45), उनकी मां सीता देवी (65), बेटे सत्यम कुमार (10) व शिवम कुमार (07) एवं पत्‍नी सुंदरमणि देवी (38) शामिल हैं। परिवार में अब केवल दो शादीशुदा बेटियां ही बच गईं हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार परिवार के मुखिया मनोज झा आटो चलाकर व खैनी बेचकर गुजरा करते थे। उपनर भारी कर्ज चढ़ गया था, जिसे चुकाने में वे असमर्थ हो गए थे।

    सुपौल जिले में भी फंदे से लटके मिले थे परिवार के पांच सदस्‍य

    बिहार में ऐसी एक घटना सुपौल जिले के पहले हो चुकी है। बीते साल मार्च में सुपौल के राघोपुर थाना क्षेत्र के गद्दी गांव में एक परिवार के पांच सदस्‍यों मिश्रीलाल साह (52) उनकी पत्नी रेणु देवी उम्र (44), बेटी रोशन कुमारी (15) बेटा ललन कुमार (14) बेटी फूल कुमारी (8) के शव फंदे से लटके मिले थे। कई दिनों से बंद घर के अंदर से बदबू आने पर आसपास क लोगों ने दरवाजा तोड़कर देखा तो घटना उजागर हुई थी। इस घटना में भी मरने वालों में 15, 14 और आठ साल के बच्चे शामिल थे, जिससे उनकी आत्‍महत्‍या को लेकर संदेह व्‍यक्‍त किए गए थे।

    बेटी के भागकर शादी करने बाद अंतर्मुखी हो गया था परिवार

    कुछ दिनों पहले मिश्रीलाल साह की एक बेटी ने भागकर शादी कर ली थी। उस घटना के बाद से यह परिवार अंतर्मुखी हो गया था।  सुपौल के तत्‍कालीन पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा था कि मिश्री लील शाह का परिवार अ‍ार्थिक रूप से मजबूत नहीं था। वह समाज से कटा रहता था। उसका अपने भाइयों से भी संपर्क नहीं था।

    बुराड़ी में परिवार के 11 सदस्‍यों ने की थी सामूहिक आत्महत्या

    पूरे परिवार की सामूहिक आत्‍महत्‍या की बात हाे तो दिल्ली का बुराड़ी कांड बरबस याद आ जाता है। बुराड़ी के संत नगर में एक जुलाई 2018 को भाटिया परिवार के 11 सदस्‍यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी।