Sakibul Gani : रिकॉर्ड से पहचान तक.. कौन हैं सकीबुल गनी; जिनकी 32 गेंदों की सेंचुरी ने भारतीय क्रिकेट में मचाया तूफान
सकीबुल गनी एक भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपनी 32 गेंदों की सेंचुरी से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है। इस रिकॉर्ड-तोड़ पारी ने उन्हें पहचान दिलाई ...और पढ़ें

बिहार के कप्तान सकीबुल गनी
स्मार्ट व्यू- पूरी खबर, कम शब्दों में
जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय घरेलू क्रिकेट में कई नाम आते हैं, चमकते हैं और फिर भीड़ में कहीं खो जाते हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जो एक पारी में ही अपनी पहचान बदल देते हैं। बिहार के कप्तान सकीबुल गनी ने विजय हजारे ट्रॉफी में ठीक यही किया। लिस्ट-A क्रिकेट में भारत की ओर से सबसे तेज़ शतक (32 गेंद) जड़कर उन्होंने न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि खुद को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया।
मोतिहारी से मैदान तक का सफर
सकीबुल गनी का जन्म बिहार के मोतिहारी में हुआ। सीमित संसाधनों और कम क्रिकेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के बावजूद गनी ने अपने खेल से यह साबित किया कि हुनर रास्ता खुद बना लेता है। बिहार क्रिकेट के पुनर्गठन के बाद जो खिलाड़ी उभरे, उनमें सकीबुल गनी सबसे भरोसेमंद नामों में गिने जाने लगे।
वे सिर्फ एक आक्रामक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि टीम-मैन और लीडर भी हैं। यही वजह है कि बिहार टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर आई।
रणजी से विजय हजारे तक, निरंतरता की मिसाल
सकीबुल गनी पहली बार देशभर की नजरों में तब आए, जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक (341 रन) लगाकर इतिहास रच दिया। वह उपलब्धि बिहार क्रिकेट के लिए मील का पत्थर बनी। इसके बाद सीमित ओवरों में भी उन्होंने खुद को ढाल लिया और लगातार रन बनाए।
विजय हजारे ट्रॉफी में उनकी ताजा पारी इसी निरंतरता का विस्तार है, जहां उन्होंने गेंदबाजों पर पूरी तरह हावी होकर खेल की दिशा ही बदल दी।
32 गेंदों में शतक: सिर्फ रिकॉर्ड नहीं, संदेश
अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मैच में सकीबुल गनी ने जब 32 गेंदों में शतक पूरा किया, तो यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं था। यह एक संदेश था, कि बिहार का क्रिकेट भी अब किसी से पीछे नहीं है। कि घरेलू क्रिकेट में छिपी प्रतिभा बड़े मंच की हकदार है।
खास बात यह रही कि उसी मैच में युवा बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने भी तूफानी शतक लगाया, लेकिन गनी ने उनसे भी तेज़ शतक जड़कर भारतीय रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
कप्तान की भूमिका में और निखरे
इस ऐतिहासिक मैच में बिहार टीम ने लिस्ट-A क्रिकेट का अब तक का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। यह सिर्फ बल्लेबाज़ी का कमाल नहीं था, बल्कि गनी की कप्तानी का भी प्रमाण था। उन्होंने टीम को खुलकर खेलने की आज़ादी दी और खुद उदाहरण बनकर सामने आए।
एक कप्तान के रूप में गनी का सबसे बड़ा गुण यही है कि वे दबाव में खुद आगे आते हैं, न कि जिम्मेदारी दूसरों पर डालते हैं।
सकीबुल गनी की यह पारी चयनकर्ताओं के लिए भी एक साफ संकेत है। घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करने वाले ऐसे खिलाड़ी अब नजरअंदाज नहीं किए जा सकते। टी20 और वनडे प्रारूप में उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी उन्हें बड़े मंच का दावेदार बनाती है।
बिहार क्रिकेट के लिए सकीबुल गनी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि प्रेरणा हैं, कि अगर जज्बा हो, तो रिकॉर्ड भी झुक जाते हैं।
32 गेंदों में बना यह शतक शायद आने वाले समय में टूट जाए, लेकिन सकीबुल गनी का नाम भारतीय घरेलू क्रिकेट के उस अध्याय में दर्ज हो चुका है, जहां पहचान संघर्ष से निकलकर इतिहास बनती है।

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