Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिवान के जफर कमाली को साहित्य अकादमी पुरस्कार, बिहार में बारहवीं के कोर्स में है इनकी लिखी कविता

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 08:26 AM (IST)

    Sahitya Academy Award बिहार के सिवान जिले के रहने वाले जफर कमाली को मिला बाल साहित्य का साहित्य अकादमी पुरस्कार बारहवीं में पढ़ाई जाती है इनकी लिखी कविता सिवान के ही एक कालेज में प्राध्‍यापक हैं जफर कमाली

    Hero Image
    साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार पाने वाले जफर कमाली। जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। उर्दू भाषा में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2022 के लिए बाल कविता संग्रह 'हौसलों की उड़ान' का चयन किया गया है। यह पुरस्कार बाल साहित्य की श्रेणी में दिया जाने वाला है। इसे सिवान के जेड ए इस्लामिया कालेज में फारसी एवं साहित्य के प्राध्यापक डा. जफर कमाली ने लिखा है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मूल रूप से सिवान के रानीपुर निवासी जफर कमाली का मूल नाम जफरुल्लाह है। पटना विश्वविद्यालय से उर्दू एवं फारसी में स्नातकोत्तर के बाद इन्होंने व्यंगकार अहमद जमाल पाशा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विषय पर पीएचडी की। इसके बाद से वह अध्ययन-अध्यापन कर रहे हैं। शोध, व्यंग्य काव्य, रुबाई लेखन और बाल कविता जैसी विधाओं में वह लगातार अपने लेखन से उर्दू साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं।

    उनकी महत्वपूर्ण पुस्तकों में 'मकातिब रियाजिया' (1986), 'जराफतनामा' (2005), 'मुतअल्लिकाते अहमद जमाल पाशा' (2006), 'रुबाइयां' (2010), 'खाके जुस्तुजू (2017), जरबे सुखन (2019), अहमद जमाल पाशा (2022) आदि प्रमुख हैं। बाल कविता से संबंधित तीसरी किताब 'हौसलों की उड़ान' थी, जो 2020 में छपी है। बिहार में बारहवीं कक्षा में उनकी कविता 'मुताशयर' पढ़ाई जाती है।

    एनसीईआरटी की ओर से उनकी कविता 'किताबें' चौथे वर्ग में शामिल की गई है। बिहार के इस लेखक को साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किए जाने पर प्रमुख साहित्यिक संस्था बज्‍मे सदफ इंटरनेशनल के डायरेक्टर प्रो. सफदर इमाम कादरी व कालेज आफ कामर्स के प्रो. तौकीर फातमी आदि ने बधाई दी है। 

    आइएएस में पदोन्नति पर जताया हर्ष 

    संसू, सिसवन (सिवान)। प्रखंड क्षेत्र के घुरघाट गांव निवासी डा. देव कृष्ण तिवारी को उत्तराखंड प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस)  से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति होने पर क्षेत्र के लोगों में खुशी है।   जानकारी के अनुसार डा. देव कृष्ण तिवारी घुरघाट गांव निवासी शिक्षक शत्रुघ्न तिवारी व रामसखी देवी के बड़े पुत्र हैं जो वर्तमान में  उत्तराखंड शासन में लघु सूक्ष्म उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, संस्कृति मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं।

    उनके छोटे भाई  डा. कामाख्या नारायण तिवारी और डा. आशुतोष तिवारी दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर हैं। डा. तिवारी के भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत होने पर मुखिया शैलेश तिवारी, अवकाश प्राप्त शिक्षक हरिशंकर उपाध्याय, उपेंद्र भारती, देवेंद्र तिवारी, अवधेश चौहान सहित ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। 

    comedy show banner
    comedy show banner