बिहार में पंचायतों की योजनाओं का असली मालिक कौन, बीपीआरओ और बीडीओ के बीच फंसा विकास
बिहार में ग्रामीण विकास की योजनाओं पर नया संकट बीपीआरओ एवं बीडीओ के बीच फंसी पंचायतों की विकास योजनाएं सरकार के आदेश के बावजूद बीडीओ नहीं छोड़ रहे हैं चार्ज पंचायती राज की योजनाओं के लिए अलग अफसर बहाल
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में पंचायत चुनाव के बाद नई पंचायत समितियों का गठन किया जा चुका है। विकास योजनाएं बननी शुरू हो गई है, लेकिन पंचायतों के कार्यपालक अधिकारी की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी (बीपीआरओ) हासिल नहीं हुआ है। यह स्थिति तब है कि जबकि नौ और 21 अगस्त 2021 को पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर सरकार प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के दायित्व से मुक्त कर चुकी है। अब नवगठित पंचायत समिति बनने के बाद भी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के पास ही स्थापना और अनुश्रवण का दायित्व फंसा है। इस वजह से नई विकास योजनाएं आगे नहीं बढ़ पा रही है।
अधिनियम में संशोधन करने के बाद पंचायत समितियों के कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों को सौंप दी गई थी। इधर, पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण पंचायती राज विभाग द्वारा जिलों को आदेश दिया गया कि 15वें वित्त आयोग की राशि की लेनदेन करने के लिए चेकर के रूप में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी को दायित्व दिया गया। लेकिन गठित पंचायत समिति के बाद भी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के पास ही स्थापना और अनुश्रवण का दायित्व फंसा है।
पंचायत सरकार भवन के लिए 23 करोड़ रुपये आवंटित
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान तहत 116 पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 40 लाख रुपये प्रति भवन की दर से 23 करोड़ रुपये आवंटित किया है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पंचायत सरकार भवन बहुउद्देशीय और दो मंजिला होगा जिसमें पंचायतों के प्रतिनिधि एवं पंचायत स्तर के कर्मियों के स्थान, ग्राम कचहरी के न्यायालय कक्ष अभिलेखों के संरक्षण के लिए स्थान, स्टोर रूम पंचायत एवं स्थाई समिति के सदस्यों को बैठने के लिए हाल, आरटीपीएस सेंटर, भोजनालय एवं शौचालय का प्रविधान होगा। वित्तीय वर्ष 21-22 में केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत पंचायत सरकार भवन सपोर्ट कंपोनेंट के तहत 500 पंचायत सरकार भवनों के लिए और 250 सेवा केंद्र के लिए केंद्र के द्वारा सहमति प्रदान किया गया है। प्रथम किस्त में 116 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण एवं 240 सेवा केंद्र भवनों के निर्माण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई है।