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    Patna News: RTI कार्यकर्ता मणि लाल ने उजागर किया भ्रष्टाचार, कई घोटालों का हुआ पर्दाफाश

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 01:18 PM (IST)

    मणि लाल ने आरटीआई के माध्यम से सरकारी और निजी संस्थानों में भ्रष्टाचार उजागर किया। 2006 से जारी उनके प्रयासों ने कई घोटालों का पर्दाफाश किया है जैसे सारण जिले में 16 करोड़ रुपये का गबन। उन्होंने पंचायतों और नगर पंचायतों में भी अनियमितताओं को उजागर किया है। आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए भी उन्होंने आवाज उठाई और लोगों को आरटीआई के उपयोग के बारे में जागरूक किया।

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    मणि लाल ने आरटीआई के माध्यम से सरकारी और निजी संस्थानों में भ्रष्टाचार उजागर किया। फाइल फोटो

    विद्या सागर, पटना। मणि लाल ने सरकारी और वित्तपोषित निजी संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) को एक सशक्त माध्यम बनाया। 2006 में शुरू हुआ उनका अभियान आज भी अनवरत जारी है।

    उनके द्वारा दायर सैकड़ों आरटीआई आवेदनों ने बिहार के विभिन्न जिलों में अनियमितताओं और घोटालों को उजागर किया। विशेष रूप से, सारण जिले के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में उनके द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन ने 16 करोड़ रुपये के वित्तीय गबन का पर्दाफ़ाश किया।

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    इस राशि का कोई उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था, जो गबन का स्पष्ट मामला था। इसी प्रकार, समस्तीपुर जिले में मणि लाल द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन ने एक एडीएम की पत्नी द्वारा मातृ वंदना योजना में जिला समन्वयक की नौकरी अनुचित तरीकों से प्राप्त करने के मामले का पर्दाफ़ाश किया, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित व्यक्ति को नौकरी से हटा दिया गया।

    हाल ही में, बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनके एक आवेदन में डॉक्टरों की उपस्थिति से संबंधित अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिसके आधार पर बिहार सरकार ने सभी लोक सूचना अधिकारियों को समय पर और उचित तरीके से सूचना उपलब्ध कराने की चेतावनी जारी की।

    पंचायतों और नगर पंचायतों में उजागर हुए घोटाले

    मणि लाल की आरटीआई सक्रियता का दायरा केवल बड़े सरकारी विभागों तक ही सीमित नहीं था। महाराजगंज, मैरखा और सीवान जिले की अन्य पंचायतों में उनके आवेदनों ने ग्राम पंचायतों में कई घोटालों का पर्दाफाश किया। कई मुखियाओं और पंचायत सचिवों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई।

    उनके आरटीआई आवेदन ने सीवान जिले की नगर पंचायत में कोविड-19 काल के दौरान मास्क और दवाओं के वितरण में हुए गबन का भी खुलासा किया, जिसके बाद संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

    2024 में, मणि लाल ने विभिन्न विभागों में लगभग 100 आरटीआई आवेदन दायर किए और 2025 में अब तक 50 से अधिक आवेदन दायर कर चुके हैं। उनके एक आवेदन के परिणामस्वरूप सीवान जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड में 22 मुखियाओं और पंचायत सचिवों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हुई। आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ आवाज

    बिहार में आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या एक गंभीर मुद्दा रहा है। मणि लाल ने इस मुद्दे पर भी अपनी आवाज उठाई। पटना, मधेपुरा और अन्य जिलों में जनसुनवाई और आंदोलनों के माध्यम से उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया।

    बिहार में दर्जनों आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ उनकी सक्रियता ने सरकार और समाज को इस गंभीर मुद्दे पर सोचने पर मजबूर किया।

    जागरूकता और प्रशिक्षण के प्रयास

    मणि लाल ने आरटीआई अधिनियम 2005 के लागू होने के बाद इसके प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनजागरूकता शिविर, संगोष्ठियाँ और सेमिनार आयोजित किए। इन आयोजनों के माध्यम से उन्होंने आम लोगों को आरटीआई के उपयोग और इसके महत्व के बारे में प्रशिक्षित किया।

    2009 में, जब बिहार सरकार ने आरटीआई कानून को कमजोर करने के लिए इसमें संशोधन करने का प्रयास किया, तो मणि लाल ने इसके खिलाफ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।

    मणि लाल आज भी आरटीआई के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। उनके कार्यों और योगदानों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं या संबंधित संगठनों से जुड़ सकते हैं।