Bihar Politics: जदयू की बैठक में होने लगी आरएसएस की चर्चा, याद आ गई आरसीपी सिंह की बात
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राजनीतिक सलाहकार समिति की पहली बैठक गुरुवार को पटना में हुई। इसमें कई बड़े नेताओं ने भाग लिया। बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्वय ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राजनीतिक सलाहकार समिति की बैठक में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की भी चर्चा हुई। भाजपा में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका का उदाहरण दिया गया। लेकिन, तुरंत यह भी कहा गया कि जदयू के कार्यकर्ताओं से संघ की तुलना नहीं की जा सकती है।
हमारे कार्यकर्ता भी समर्पित हैं
कहा गया कि हमारे कार्यकर्ता भी समर्पित हैं। निस्वार्थ भाव से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को लगातार मजबूत कर रहे हैं। जदयू की राजनीतिक सलाहकार समिति की पहली बैठक में गुरुवार को यह सब हुआ। बैठक प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई थी।
राजनीतिक सलाहकार समिति की बताई महत्ता
पार्टी के कोषाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य ललन सर्राफ अपने भाषण में राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्यों की महत्ता के बारे में बता रहे थे। उन्होंने कहा कि आपलोग जदयू की रीढ़ हैं। ठीक भाजपा के लिए आरएसएस की तरह।
आरएसएस है अपनी जगह
सर्राफ के बोलने के बाद जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी की बारी आई। उन्होंने कहा-आरएसएस अपनी जगह है। निष्ठा के लिए उसकी पहचान है। लेकिन, जदयू के कार्यकर्ताओं की निष्ठा और नेतृत्व के प्रति समर्पण का भाव किसी से कम नहीं है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में इनकी आस्था है
उन्होंने राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्यों की निष्ठा की चर्चा की। कहा कि ये सब लंबे समय से संगठन से जुड़े हुए हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में इनकी आस्था है औैर इनके दम पर ही जदयू मजबूत है। ये सब ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने दल के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया है।
राजनीति से सभी को रहती कुछ पाने की इच्छा
चौधरी ने कहा कि राजनीति में आने वाले सभी लोगों को कुछ पाने की इच्छा रहती है। लेकिन, पद के मोह से ऊपर उठकर ये कार्यकर्ता संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है कि जदयू की सांगठनिक बैठक में आरएसएस की सांगठनिक क्षमता की चर्चा हुई है।
आरसीपी सिंह ने की कहा था कुछ ऐसा
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते आरसीपी सिंह ने भी आरएसएस की तर्ज पर संगठन को मजबूत बनाने की चर्चा की थी। 2021 में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक लाख 11 हजार 111 रुपया चंदा भी दिया था। आरसीपी जदयू से हटे। भाजपा में गए। अब उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली है।

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