RS Bhatti: आरएस भट्टी 20 माह बिहार के डीजीपी रहे, इन 5 वजहों से याद किया जाएगा कार्यकाल
Bihar DGP बिहार के पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी के कार्यकाल में पुलिस कर्मियों के कल्याण और डिजिटल पुलिसिंग पर विशेष ध्यान दिया गया। उनके कार्यकाल में ऐसी 5 प्रमुख काम हुए जिनकी वजह से उन्हें याद किया जाएगा। इसमें बिहार पुलिस में बंपर भर्ती प्रमुख है। इन कार्यों से बिहार पुलिस में बदलाव दिखाई दिया। इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों के लिए विशेष सैलरी पैकेज की घोषणा भी हुई।

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar DGP आरएस भट्टी (RS Bhatti) का बतौर बिहार के डीजीपी 20 माह का कार्यकाल उनके अपने पुलिसिया करियर की छवि से एकदम अलग रहा।
अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए चर्चित रहे भट्टी का बतौर डीजीपी कार्यकाल पुलिसकर्मियों के कल्याण और डिजिटल पुलिसिंग के लिए अधिक याद किया जाएगा।
इसके अलावा उनके कार्यकाल में पुलिस में बंपर बहाली भी हुई। बेहतर विधि-व्यवस्था के लिए करीब दो सौ पुलिस ओपी को थानों में अपग्रेड किया गया। पुलिस आधुनिकीकरण और नक्सलियों के विरुद्ध अभियान भी कारगर रहा।
उत्तर बिहार नक्सल मुक्त हुआ तो दक्षिण में उसकी जड़ें कमजोर हुईं। नक्सली जोनल कमांडर अरविंद भुइय्या और प्रमोद यादव आदि गिरफ्तार हुए। साइबर अपराधियों के विरुद्ध भी लगातार ऑपरेशन चलाया गया।
आरएस भट्टी के कार्यकाल में डायल-112 (Dial 112) की सेवा का विस्तार गांव-गांव तक किया गया। डायल-112 के लिए बड़ी संख्या में नए वाहन की भी खरीद की गई।
पुलिसकर्मियों के कल्याण को लेकर विशेष सैलरी पैकेज की घोषण की गई। इसके तहत दुर्घटना में पुलिसकर्मियों की मौत पर दो करोड़ 30 लाख रुपये तक का बीमा क्लेम दिए जाने का प्रावधान किया गया।
पुलिस में की बंपर बहाली, पांच साल बाद मिली प्रोन्नति
भट्टी के डीजीपी रहते बिहार पुलिस में बंपर बहाली प्रक्रिया पूरी हुई। बिहार पुलिस में करीब 22 हजार सिपाहियों और 1275 दारोगा की भर्ती की गई।
करीब पांच साल से लंबित दस हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रोन्नति भी दी गई। लंबित कांडों की जांच में तेजी लाने के लिए अनुसंधान पदाधिकारियों (आईओ) की संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़ाई गई।
ऑनलाइन शिकायत की व्यवस्था
डीजीपी आरएस भट्टी ने पुलिस मुख्यालय के साथ सभी जिला मुख्यालयों में सोशल मीडिया सेंटर की शुरुआत की। इसके साथ ही बिहार पुलिस को फेसबुक, एक्स, यूट्यूब के जरिए आम लोगों से जोड़ा।
इन प्लेटफार्म के जरिए पुलिस अधिकारी लाइव भी आए और ऑनलाइन शिकायतों का निष्पादन किया। सभी थानों का ई-मेल बनाया। प्राथमिकी और स्टेशन डायरी की भी डिजिटल इंट्री की व्यवस्था शुरू की गई।
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