बिहार में मनरेगा की योजनाओं के लिए 1532 करोड़ रुपये जारी, मंत्री श्रवण कुमार बोले- धन की नहीं होगी कमी
बिहार में मनरेगा की योजनाओं के लिए सरकार ने 1532 करोड़ रुपये जारी किए हैं। धन के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की योजनाएं धीमी चल रही हैं। भुगतान नहीं होने के कारण निर्माण का काम बाधित है। अब इनमें तेजी आएगी।

पटना, राज्य ब्यूरो। ग्रामीण विकास विभाग ने बुधवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की योजनाओं के लिए 15 सौ 32 करोड़ 70 लाख रुपया जारी किया। विभागीय मंत्री श्रवण कुमार ने मनरेगा की योजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया। कोरोना संकट के चलते दूसरे राज्यों से लौट रहे श्रमिकों को काम दें। मजदूरी और सामग्री के मद में राज्य सरकार पर्याप्त राशि दे रही है।
मालूम हो कि समय पर रुपया न मिलने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की योजनाएं धीमी हो चल रही हैं। सामग्री का भुगतान न होने के कारण निर्माण का काम बाधित है। बकाया के चलते मुखिया भी इस योजना में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। श्रवण कुमार ने बताया कि बुधवार को जिलों को दी गई राशि में से पांच सौ 69 करोड़ 70 लाख मजदूरी के भुगतान मद में खर्च होगा। सामग्री मद में नौ सौ 63 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। मंत्री ने दावा किया कि इस समय राज्य के करीब आठ हजार पंचायतों में काम चल रहा है। मनरेगा के तहत तीन लाख, 64 हजार, 68 योजनाएं चल रही हंै। इनमें से तीन लाख, 29 हजार 695 योजनाएं व्यक्तिगत श्रेणी की हैं। 10 हजार 350 योजनाए जल संरक्षण, 14 हजार 980 योजनाएं सार्वजनिक भूमि पर पौधारोपण तथा नौ हजार 43 अन्य
सवा नौ लाख रोजगार दिवस
मंत्री के मुताबिक इन योजनाओं में हर रोज सवा नौ लाख से अधिक रोजगार दिवस सृजित हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में अब तक एक करोड़, 14 लाख, 10 हजार 176 मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। 28 हजार 108 नये जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इनके जरिए 47 हजार 156 लोगों को जोड़ा गया है। मंत्री ने बताया कि कार्य स्थल पर कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। हाथ धोने के लिए साबुन, मास्क, तौलिया, सैनिटाइजर एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है। मजदूरों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि काम के दौरान एक से दूसरे मजदूर के बीच छह फीट की दूरी बनी रहे। क्वारंटाइन सेंटर पर जॉब कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जा रही है।
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