बिहार में गंगा की लहरों पर चलेगी वाटर मेट्रो, छह पड़ाव के साथ रूट तैयार; किराया भी कम
गंगा में वाटर मेट्रो शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। छपरा के पहलेजा घाट से लेकर वैशाली के बिदुपुर तक छह विभिन्न बंदरगाहों से होते हुए वाटर मेट्रो लगभग 50 किमी दूरी तय करेगा।

कुछ ऐसा होगा वाटर मेट्रो। जागरण आर्काइव
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। पटना में 15 अगस्त से रेल मेट्रो की शुरुआत होने जा रही है। इसी के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार ने गंगा में वाटर मेट्रो शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। पिछले दिनों कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के तीन सदस्यीय दल ने पटना पहुंच कर गंगा में वाटर मेट्रो शुरू करने के लिए कई जगहों पर अध्ययन किया था।
इसके बाद मेट्रो के लिए प्रस्तावित रूट की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। छपरा के पहलेजा घाट से लेकर वैशाली के बिदुपुर तक छह विभिन्न बंदरगाहों से होते हुए वाटर मेट्रो लगभग 50 किमी दूरी तय करेगा। यह जानकारी भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण पटना के निदेशक अरविंद कुमार ने दी।
निदेशक ने बताया कि कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के विशेषज्ञों का दल जुलाई में पटना दूसरी बार पहुंचेगा। इस वर्ष के दिसंबर तक वाटर मेट्रो के लिए जलमार्ग एवं व्यवस्था से जुड़े अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। इसके बाद गंगा में वाटर मेट्रो शुरू करने के लिए तैयार रूट पर काम शुरू होगा।
निदेशक ने बताया कि कोच्चि मेट्रो की आने वाली विशेषज्ञों की टीम बरसात के दौरान गंगा में बढ़ रहे जलस्तर के बहाव और पानी के करंट का अध्ययन करेगी। उसी अनुसार वाटर मेट्रो के जहाज की इंजन की क्षमता का आकलन कर निर्माण होगा। गंगा में जब पानी कम होगा तथा जब बढ़ेगा तब कितनी क्षमता की इंजन वाला जहाज चलाना सरल, सुगम व सुरक्षित होगा, यह भी अध्ययन में शामिल है।
वाटर मेट्रो के लिए विकसित व निर्मित होगा जेटी
निदेशक के बताया कि वाटर मेट्रो के गंगा में परिचालन के लिए प्रस्तावित रूट से प्रथम चरण में छह बंदरगाह जुटेगा। पहलेजा घाट, दीघा घाट, कोनहारा घाट, हरिहर नाथ मंदिर घाट, कंगन घाट में बिदुपुर घाट में बंदरगाह का निर्माण या विकास अध्ययन उपरांत प्राप्त अंतिम रिपोर्ट के अनुसार किया जाएगा। एनआइटी घाट पर बने जेटी को विकसित किया जाएगा। गायघाट में भी वाटर मेट्रो के लिए बंदरगाह बन सकता है।
इन घाटों से दूरी तय करेगा वाटर मेट्रो
1. पहलेजा घाट से दीघा घाट 10.62 किमी
2. दीघा घाट से एनआइटी घाट 6.63 किमी
3. एनआइटी घाट से कोनहारा हरिहरनाथ मंदिर 8.32 किमी
4. एनआइटी से कंगन घाट 7 किमी
5. कंगन घाट से बिदुपुर 10.7 किमी
100 यात्रियों की क्षमता, 20 से 40 रुपए हो सकता किराया
आइडब्लूएआइ के निदेशक ने बताया कि गंगा में वाटर मेट्रो चलाने के लिए एक मीटर से कम पानी की आवश्यकता होती है। विशेष रूप से तैयार और सुविधाओं से सुसज्जित इलेक्ट्रानिक जल यान सौर ऊर्जा से भी चलेगा। इसमें 50 यात्रियों को बैठने और 50 यात्रियों के खड़े होकर सफर करने की व्यवस्था है। इसका किराया 20 से 40 रुपए के बीच होना संभावना है।
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