रोहतास में मतदाताओं का ऐलान: नौकरी चाहिए, लालच नहीं! इस बार वोट ईमानदारी और विकास को
रोहतास जिले के डेहरी में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है। मतदाता इस बार विकास, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे झूठे वादों से दूर रहकर, काम करने वाले और ईमानदार जनप्रतिनिधि को चुनने के लिए उत्सुक हैं। युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा में सुधार पर उनका विशेष जोर है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
संवाद सहयोगी, डेहरी आन सोन(रोहतास)। विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पहले और दूसरे चरण के मतदान की तिथि घोषित होते ही अब नामांकन की प्रक्रिया भी प्रारंभ है। जिले के डेहरी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है। इस बार सबसे दिलचस्प नजारा मतदाताओं के बीच देखने को मिल रहा है। उम्रदराज मतदाता जो कभी घर की चौखट तक सीमित रहते थे, वे अब लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भूमिका निभाने को आतुर हैं।
गांव-गांव में दैनिक जागरण के द्वारा जागरण पंचायत क्लब के माध्यम से चुनावी चौपाल का आयोजन कर चुनाव पर चर्चा किया जा रहा है। चुनावी चौपाल में हर कोई विकास, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर खुलकर बात कर रहा है।
मतदाताओं का कहना है कि अब वे किसी के झूठे वादों में नहीं आने वाले। इस बार वे ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनेंगे जो वाकई जनता के बीच रहे और उसके दुख-सुख में साथ निभाए। मतदाताओं का कहना है कि लोकतंत्र में अब बदलाव की घड़ी आ चुकी है। अब वोट जाति या मोहल्ले के नाम पर नहीं, बल्कि काम और ईमानदारी के नाम पर पड़ेगा।
भलुआड़ी जागरण पंचायत क्लब के अध्यक्ष वैजयंती देवी ने कहा कि पहले के समय में लोग सिर्फ नाम देखकर वोट डाल देते थे, लेकिन अब वक्त बदल गया है। अब जनता जागरूक हो चुकी है। हम चाहते हैं कि नेता जनता के सुख-दुख में साथ रहे। चाहे शादी हो या बीमारी जनता के बीच दिखे। अब ऐसा नेता नहीं चाहिए जो चुनाव के बाद गायब हो जाएं।
हम उस नेता को वोट देंगे जो सच्चा हो, साफ छवि वाला हो और जनता के प्रति जवाबदेह रहे। अरविंद पासवान ने कहा कि अबकी बार ऐसा प्रतिनिधि आए जो इन बुनियादी सुविधाओं पर काम करे। हम जात-पात में नहीं पड़ेंगे। गांव का विकास ही सबसे बड़ा धर्म है। इस बार हम विकास को देखकर वोट देंगे, न कि किसी चेहरे को देखकर।
उर्मिला देवी ने कहा कि आने वाली पीढी का भविष्य हम जैसे मतदाताओं के फैसले पर भी निर्भर करता है। अब हम सोच-समझकर ही मतदान करेंगे। जो शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती-किसानी की स्थिति सुधारने की बात करेगा, उसे ही चुनेंगे। इस बार हम वोट डालकर उदाहरण पेश करेंगे कि उम्र चाहे जो हो, लोकतंत्र की ताकत कभी कमजोर नहीं पड़ती।
गांव के पूर्व वार्ड सदस्य शांति देवी ने कहा कि हमने बहुत सरकारें बदलते देखीं, लेकिन हालात बहुत कम बदले। हमारे बच्चे बाहर कमाने जाते हैं क्योंकि यहां रोज़गार नहीं है। इस बार हम वही उम्मीदवार चुनेंगे जो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करे, शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाए। हम किसी पार्टी के नहीं, सिर्फ विकास के पक्ष में हैं। नेताओं को एहसास कराना है कि जनता सब समझती है।
साथ ही गांव में शराब की बेतहाशा बिक्री हो रही है पुलिस आती है और पैसा लेकर चल देती है, कुछ करती नहीं जिसके चलते शराब बेचने वाले लोगों का हौसला बढ़ गया। पुलिस प्रशासन शराब बंद कराए ताकि किसी की बहु बिधवा होने से बच सके।
रूबी देवी का कहना है कि हमने बचपन से लेकर अब तक कई नेताओं को आते-जाते देखा है। कोई सड़क बनाने की बात करता है, कोई रोजगार का वादा करता है। इस बार हम उस नेता को वोट देंगे जो चुनाव के बाद भी गांव आए, जनता के बीच बैठे, और जो अस्पताल, स्कूल व सड़क की हालत सुधारे। हमें भाषण नहीं, काम चाहिए।
रिता देवी सहीत अन्य ग्रामिण महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि भलुआड़ी गांव से 4 किलोमीटर दुसरे गांव नवाडीह 20 रूपये टेम्पो भाड़ा देकर पीडीएस दुकान से राशन लेने जाते हैं। हमलोगों को सुविधा के लिए भलुआड़ी गांव में ही जन वितरण प्रणाली दुकान खोलने की मांग की है।मौके पर फुलमती देवी, शिव दुलारी देवी, गौरी देवी, बेबी देवी सहीत दर्जनों शामिल थीं।
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