सड़क सुरक्षा अभियान : ड्राइविंग का क्रैश कोर्स ले रहा बेगुनाहों की जान, आपके अपने ही बन रहे 'यमराज'
Road Safety With Jagran सड़क पर यातायात नियमों की अनदेखी और ड्राइविंग शुरू करने से पहले उचित प्रशिक्षण का अभाव बिहार की सड़कों पर बेगुनाह लोगों की मौत की वजह बन रहा है। अनजाने में हमारे-आपके अपने लोग ही दूसरे की जान का दुश्मन साबित हो रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। Road Safety With Jagran: बिहार में हाल के वर्षों में बेहतरीन और चिकनी सड़कों का जाल बिछा है। हाई-वे की चौड़ाई भी बढ़ी है। पटना में जेपी गंगा पथ और अटल पथ जैसी सड़कों ने गाडि़यों को नई रफ्तार दी है, मगर अप्रशिक्षित और नौसिखुआ ड्राइवरों के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं।
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संसाधनहीन
ड्राइविंग सीखने के लिए शहरों में चलने वाले निजी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में संसाधनों का अभाव है। ट्रैफिक नियमाें की पूरी जानकारी के बिना ही वाहन सीखने वालों को पहले दिन से ही गाड़ी की स्टेयरिंग पकड़ा दी जाती है। गाड़ी सीखने वाले भी नियमों की जानकारी से ज्यादा गाड़ी की स्टेयरिंग पकड़ने की जल्दबाजी दिखाते हैं।
खटारा गाड़ियों पर ड्राइविंग सीखते लोग
नतीजा, पुरानी और खटारा गाडि़यों पर ड्राइविंग का क्रैश कोर्स फल-फूल रहा है। अधिसंख्य ड्राइविंग स्कूलों में बेहतरीन ट्रेनर के साथ सिमुलेटर होना जरूरी होता है। सिमुलेटर पर हाथ साफ होने के बाद सड़कों पर गाड़ी चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए, मगर ऐसा होता नहीं है।
नियमों की जानकारी नहीं होना हादसों की वजह
रिटायर्ड आइजी एवं ट्रैफिक विशेषज्ञ पीके दास बताते हैं कि हाई-वे पर होने वाली दुर्घटनाओं का बड़ा कारण नियमों की जानकारी न होना है। अनट्रेंड ड्राइवर गलत तरीके से गाड़ी चलाकर खुद के साथ दूसरों की जिंदगी से भी खेलते हैं। उदाहरण के लिए, एक्सप्रेस-वे या हाई-वे पर गाड़ी चलाते समय लेन ड्राइव करनी चाहिए।
बायीं ओर से ओवरटेक करना है खतरनाक
अगर आपको ओवरटेक करना है, तो दायीं हाथ की ओर से ही ओवरटेक कर सकते हैं, मगर हाई-वे पर दनदनाती गाडि़यां बाईं ओर से ओवरटेक करती दिखती हैं। इसी तरह धुंध या कोहरे में दुर्घटना से बचने के लिए जरूरी है कि एक्सप्रेस-वे या हाईवे पर दो गाडि़यों के बीच कम से कम 70 मीटर की दूरी हो। इससे दुर्घटना के बाद जान जाने की आशंका बहुत कम होती है। इसके अलावा हाईवे या एक्सप्रेस वे पर गाड़ी को हमेशा लेफ्ट शोल्डर यानी सड़क के किनारे बनी कच्ची लेन पर ही रोकना चाहिए।
बिहार में खुलेंगे 74 ड्राइविंग स्कूल
अनट्रेंड व नौसिखुआ ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने के लिए परिवहन विभाग राज्य के 37 जिलों में 74 ड्राइविंग स्कूल खोलने की योजना पर काम कर रहा है। इसमें से 50 से अधिक स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा विभाग की पहल पर औरंगाबाद में चार साल से चालक प्रशिक्षण सह यातायात शोध संस्थान चल रहा है। यहां अत्याधुनिक उपकरणों व प्रशिक्षकों के द्वारा ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
तीन चरणों में चालकों को प्रशिक्षण
व्यवस्थापक प्रभारी प्रणय प्रसून मिश्रा ने बताया कि यहां तीन चरणों में चालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। सबसे पहले उन्हें वर्ग संचालन के माध्यम से सभी चीजों की जानकारी दी जाती है। इसके बाद सेमुलेटर से वाहन चलाना सिखाया जाता है। सबसे अंत में वाहनों पर बैठकर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान ट्रैफिक के हर नियम, सिग्नल और साइनेज की जानकारी दी जाती है।

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