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    गायघाट-दीदारगंज फोरलेन सड़क के लिए गंगा किनारे लगे हरे पेड़ों की कटाई, शिफ्टिंग की मांग तेज

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 07:24 PM (IST)

    पटना में गायघाट-दीदारगंज फोरलेन सड़क निर्माण के लिए गंगा किनारे लगे हरे पेड़ों को काटा जा रहा है, जिसका स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने विरो ...और पढ़ें

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    सड़क के लिए गंगा घाटों के हरे पेड़ों की कटाई

    जागरण संवाददाता, पटना सिटी। गायघाट से लेकर दीदारगंज तक गंगा किनारे बनी सड़क को फोरलेन में तब्दील करने का काम तेजी से जारी है। सड़क निर्माण में बाधक बनने वाले अतिक्रमण को हटाने के साथ ही पेड़ों की कटाई भी हो रही है। 

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    पीपल, बरगद, नीम समेत दर्जभर पेड़ों को काटा जा चुका है। कई को काटने की तैयारी है। पेड़ों की जड़ से मिट्टी निकालने का काम चल रहा है। इस सड़क से आते-जाते लोग कटे पेड़ों के पड़े तनों को देख कर मर्माहत हो रहे हैं। 

    चित्रगुप्त आदि मंदिर की तोड़ी गई चारदीवारी के किनारे लगे लगभग दो दर्जन समेत अन्य हरे पेड़ों को काटने के बजाए शिफ्ट किए जाने की गुहार लगाई जा रही है।

    बीस पेड़ों को काटने की अनुमति 

    इस मामले में पटना के वन मंडल पदाधिकारी गौरव ओझा ने बताया कि भद्रघाट से दीदारगंज के बीच बीस पेड़ों को नियमानुसार काटने की अनुमति विभाग द्वारा दी गई है। उसी दिशा में कार्रवाई चल रही है। 

    कार्यस्थल पर मौजूद कर्मियों ने बताया कि भद्रघाट, महावीर घाट, मीतन घाट, नौजर घाट, खाजेकलां घाट, केशव राय घाट, हीरानंद शाह घाट, सीता घाट, कंगन घाट स्थित दो दर्जन से अधिक पेड़ों को काटा जाना है। 

    परिवार के नाम पर पेड़

    पर्यावरणविद एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व सदस्य संजीव यादव ने कहा कि इन पेड़ों को कई संगठनों तथा लोगों द्वारा अभियान चला कर गंगा किनारे पूर्वजों एवं समाजसेवियों के नाम पर जनहित में लगाया गया था। मिरचाई घाट पर मैंने 1982 में अपने दादा, 1997 में पिता, 2005 में मां, 2015 में पुत्र आदि के नाम पर पीपल, बरगद, नीम आदि के कई पेड़ लगाए थे। 

    बड़े हो चुके इन सभी पेड़ों को सड़क निर्माण के लिए काटा जाना चिंताजनक है। फोरलेन सड़क जरूरी है लेकिन पेड़ों को काटने के बजाए दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए। 

    उन्होंने बताया कि मंगल तालाब परिसर में निर्मित रेडक्रास सोसायटी तथा पाटलिपुत्र खेल परिसर के भवन निर्माण में आड़े आने वाले पेड़ों को पटना सिटी स्कूल मैदान में शिफ्ट किया गया था।