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    Bihar Politics: 'हम सत्ता में आए तो किसानों का कर्ज माफ करेंगे', एमएसपी गारंटी समेत RJD ने किए कई वादे

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 05 Jul 2025 08:54 AM (IST)

    बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच राजद ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई अहम फैसले लिए। पार्टी धन के समान वितरण किसानों को MSP की गारंटी और कर्ज माफी जैसे वादे कर रही है। शिक्षा में निवेश बढ़ाने और सामाजिक न्याय पर भी जोर दिया जा रहा है। लालू प्रसाद के निर्वाचन पर मुहर लगेगी और भाजपा के एजेंडे के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया गया।

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    बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच, राजद ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई अहम फैसले लिए। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बढ़ते चुनावी तापमान के बीच राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए फैसले उसके परंपरागत मतदाताओं के साथ नए सामाजिक समूहों को भी अपनी ओर आकर्षित करते दिख रहे हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में लिए गए ये फैसले अभी प्रस्ताव के रूप में हैं, जिसे राष्ट्रीय परिषद से मंजूरी मिलनी है। जिन चार प्रस्तावों पर सहमति बनी है, उनमें सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्ताव है।

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    इसके तहत राजद भरोसा दिलाता है कि सत्ता में आने पर वह धन के समान वितरण की नीति लाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाएगी और किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण आधारभूत संरचना और कृषि आधारित उद्योगों में निवेश को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समाज को ध्यान में रखते हुए शिक्षा में सरकारी निवेश बढ़ाया जाएगा।

    इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया कि विधानसभा चुनाव में राजद से जुड़े सभी फैसले पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव लेंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इसके लिए इन दोनों नेताओं को अधिकृत किया है। हालांकि यह फैसला फरवरी में हुई बैठक में लिया गया था और इसके लिए संविधान में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई थी। बैठक की अध्यक्षता लगातार 13वीं बार निर्विरोध निर्वाचित हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने की। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनके निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की गई।

    शनिवार को पटना के बापू सभागार में प्रस्तावित बैठक में राष्ट्रीय परिषद उनके निर्वाचन पर अंतिम मुहर लगाएगी। साथ ही चार प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति भी देगी। इनमें राजनीतिक प्रस्ताव के साथ आर्थिक, विदेश नीति व सामाजिक न्याय, जातिगत जनगणना व आरक्षण से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं। इससे साफ है कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक का फोकस लोकतंत्र, संविधान, आरक्षण, धर्मनिरपेक्षता, समानता, स्वतंत्रता व समाजवाद आदि पर रहेगा।

    राजद का मानना ​​है कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही भाजपा अपने छिपे एजेंडे को लागू करने पर तुली है। अब भारत को नया भारत कहा जा रहा है, जिसका इतिहास 2014 से शुरू होता है। इतिहास के तथ्यों को छल-कपट से तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी इसकी निंदा करती है और इसके खिलाफ लड़ाई को तैयार है। बैठक में मौजूद तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण को मताधिकार छीनने का प्रयास बताया। कहा कि राजद इसका हर स्तर पर विरोध करेगा।