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    बापू तो उस संत का भी नाम है जो...; RJD ने मनरेगा का नाम बदलने पर जताई आपत्‍त‍ि, बताया कारण

    By Arun Ashesh Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 05:32 PM (IST)

    राजद (RJD) ने मनरेगा (MANREGA) का नाम बदलने पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने इसके पीछे का कारण बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। राजद का कहना है क ...और पढ़ें

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    मनरेगा का नाम बदलने पर राजद की आपत्‍त‍ि। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। PBGRY: राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने मनरेगा का नाम बदलने का विरोध किया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि महात्मा गांधी हटा कर पूज्य बापू जोड़ने के पीछे की मानसिकता समझ से परे है।

    राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ''महात्मा गांधी'' तो केवल एक हैं। बापू के नाम से संबोधित किए जाने वाले अनेकों हैं। एक तो बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे तथाकथित संत को भी लोग भी ''बापू'' कहकर संबोधित करते हैं।

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    गगन ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार का अपना कोई विजन नहीं है। एकमात्र विजन यूपीए सरकार (UPA Government) के समय शुरू की गई लाभकारी योजनाओं का नाम बदलकर झूठी वाहवाही लूटना है।

    11 वर्षों में एक भी नई योजना शुरू नहीं की 

    पिछले 11 वर्षों में केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा एक भी नई योजना की शुरुआत नहीं की गई है। उसके द्वारा अबतक यूपीए सरकार के समय शुरू की गई कुल 32 योजनाओं का केवल नाम बदला गया।

    यही एनडीए सरकार (NDA Government) की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जो लोग मनरेगा को यूपीए सरकार की विफलता का जीता-जागता स्मारक बता रहे थे, आज वही इसकी सफलता का श्रेय ले रहे हैं।

    हालांकि एनडीए सरकार में यह योजना लगातार कमजोर हुई है। काम करने के साल भर बाद भी मजदूरी नहीं मिल पाती है। बड़े पैमाने पर फर्जी भुगतान किया जा रहा है।

    2005 में शुरू हुई थी योजना 

    केंद्र सरकार ने सितंबर 2005 में शुरू महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNAREGA) का नाम बदलकर पूज्‍य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखा है। 

    इस अधिनियम के तहत ग्रामीण परिवारों के उन वयस्‍क सदस्‍यों को वित्‍तीय वर्ष में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है, जो रोजगार की मांग करते हैं और अकुशल शारीरिक श्रम के इच्‍छुक होते हैं।

    इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रोजगार सृज‍ित करना है। सरकार ने वित्‍तीय वर्ष 2025-26 के लिए 86 हजार करोड़ रुपये आवं‍ट‍ित किए। यह योजना की शुरुआत के बाद से अब तक की सबसे अध‍िक राश‍ि है।