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    भारी हार के बीच भी आरजेडी सबसे आगे, भाजपा–जदयू से अधिक मिला वोट

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 10:45 AM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को हार मिली, पर भाजपा और जदयू से ज्यादा वोट मिले। चुनाव आयोग के अनुसार, राजद को 23.11% वोट मिले। भाजपा को 19.65% और जदयू को 15.41% वोट मिले। राजद ने पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतीं, जिससे उसका प्रदर्शन बेहतर रहा। कांग्रेस और अन्य दलों को भी वोट मिले।

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    सीटों के लिहाज़ से पार्टी को इस बार भारी नुकसान

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में अप्रत्याशित मोड़ दिखाया है। जहां सत्ता की बागडोर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हाथों में सुरक्षित रही, वहीं विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने प्रदर्शन से मिला-जुला संदेश दिया है।

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    सीटों के लिहाज़ से पार्टी को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन वोट शेयर के मामले में उसने सभी दलों को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया।

    तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी आरजेडी को इस बार कुल 23 प्रतिशत मत मिले। यह आंकड़ा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लगभग 3 प्रतिशत और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से करीब 4 प्रतिशत अधिक है।

    दिलचस्प बात यह है कि मत प्रतिशत में बढ़त के बावजूद सीटों की संख्या में पार्टी को पिछली बार के मुकाबले भारी गिरावट झेलनी पड़ी।

    2020 के चुनावों में आरजेडी ने 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 75 पर जीत दर्ज की थी, जिससे वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

    इस बार 141 सीटों पर लड़ने के बाद पार्टी को केवल 25 सीटें मिलीं, जो एक दशक में उसका दूसरा सबसे कमजोर प्रदर्शन है। सीटों में आई इस गिरावट को विपक्ष के भीतर भी चिंता से देखा जा रहा है।

    दूसरी ओर, बीजेपी और जदयू ने इस चुनाव में अपेक्षित प्रदर्शन किया और गठबंधन के रूप में 200 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाने का स्पष्ट जनादेश प्राप्त किया।

    बीजेपी को लगभग 20 प्रतिशत जबकि जदयू को 19 प्रतिशत के आसपास वोट मिले, जो पिछली बार की तुलना में सुधार दिखाते हैं।

    महागठबंधन के अन्य दलों, कांग्रेस, वामपंथी पार्टियों और सहयोगी संगठनों, के प्रदर्शन ने गिरावट की तस्वीर और साफ कर दी। कांग्रेस केवल छह सीटों पर सिमट गई, जबकि वाम दलों को भी सीमित सफलता मिली।

    तेजस्वी यादव अपने गढ़ राघोपुर से चुनाव जीतने में सफल रहे, लेकिन राज्यव्यापी नतीजों ने विपक्ष के लिए गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


    चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि इस बार मतदान प्रतिशत भी ऐतिहासिक रहा। दो चरणों में हुए मतदान में 66 प्रतिशत से अधिक लोगों ने वोट डाला, जिसमें महिलाओं की भागीदारी सबसे प्रभावशाली रही।

    समग्र रूप से देखा जाए तो बिहार की जनता ने सरकार चुनने के लिए एनडीए को प्राथमिकता दी, लेकिन मतों की पसंद में सबसे बड़ा हिस्सा आरजेडी के खाते में गया, जो आने वाले राजनीतिक समीकरणों को दिलचस्प बनाता है।