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बिहार बंद: जनता ने कहा- 15 साल की अपनी पुरानी छवि को लेकर लौटा राजद

तेजस्वी यादव में बिहार की आम जनता एक सफल नेता की छवि तलाश रही है, लेकिन कल के बिहार बंद में हुए हंगामे को देखकर जनता को निराशा हुई है, अगर ये मानसिकता नहीं बदली, तो नुकसान होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 21 Dec 2017 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 10:21 PM (IST)
बिहार बंद: जनता ने कहा- 15 साल की अपनी पुरानी छवि को लेकर लौटा राजद
बिहार बंद: जनता ने कहा- 15 साल की अपनी पुरानी छवि को लेकर लौटा राजद

पटना [काजल]। प्रदेश में बालू पर राजनीति गुरुवार को भी जारी रही और राजद के बिहार बंद ने जनता के सामने फिर एक बार अपने पंद्रह साल पुराने इतिहास को दुहराया। सुबह से दोपहर तक जहां एक ओर बिहार की जनता घरों में कैद रही तो प्रदेश की सड़कों पर जगह-जगह गुंडागर्दी और हंगामा देखकर लोग सहम गए।

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लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा था-ये बदले माहौल का राजद है क्या? सड़कों पर मचे हंगामे और तमाशे को देखकर लगा-नहीं, यह वही पुराना राजद है जिसके सत्ता में रहने से अक्सर छोटे-छोटे मुद्दों पर बिहार बंद कर दिया जाता था और बंद से उपद्रवी तत्व लोगों में खौफ पैदा करते थे और जनता डर के मारे घरों में दुबकी रहती थी। विपक्ष ने उस समय को जंगलराज करार दिया था।

तेजस्वी में जनता तलाश रही बिहार की राजनीति का भविष्य

बिहार की राजनीति के इस बदले माहौल में लालू के बेटे तेजस्वी यादव से राजद के समर्थन वाली आम जनता आस लगाए बैठी है कि उनकी छवि एेसी नहीं, वो ही बिहार के भविष्य हैं, लेकिन गुरुवार के हंगामे को देखने के बाद जनता की आस टूटती नजर आ रही है।

उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव के कामकाज से जनता और अॉफिसर सभी खुश थे, राजनीतिक दांव-पेंच जो भी हो लेकिन तेजस्वी में बिहार का भविष्य झलकता है। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद उन्होंने जिस तरह से अपनी बाद सदन में रखी उसके बाद राजनीतिक जानकारों ने भी उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।

लेकिन तेजस्वी को अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है और इस तरह की लट्ठमार राजनीति अब बिहार में नहीं चलने वाली, इसे समझने की जरूरत है।

राजद के बिहार बंद में दिखी लट्ठमार राजनीति

बालू और गिट्टी संकट के विरोध में राजद ने गुरुवार बिहार बंद कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। राजद के बिहार बंद में शरद यादव की पार्टी भी शामिल रही। सुबह से बंद को लेकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और पूरे राज्य में प्रदेश की एनडीए सरकार के विरोध में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया।

राजद कार्यकर्ता मचा रहे थे हंगामा, जनता करती रही त्राहिमाम 

एक ओर जहां बंद को लेकर राजनीति तेज रही, तो वहीं दूसरी ओर आम जनता बंद को लेकर त्राहिमाम करती रही। बंद का जो भी असर हो लेकिन कुछ राजद कार्यकर्ताओं के लिए बिहार बंद महज मनोरंजन का साधन बना रहा। बंद को लेकर हाजीपुर से पटना आ रहे एक मरीज ने सड़क जाम की वजह से दम तोड़ दिया तो वहीं कटिहार में भी सड़क जाम की वजह से एक मरीज की एंबुलेंस में ही मौत हो गई। 

कहीं भौंडा नाच तो कहीं जाम में फंसे मरीजों की हो गई मौत

पटना और हाजीपुर में कई जगह बंद में प्रदर्शन के दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने लौंडा नाच का लुत्फ उठाया तो वहीं हाजीपुर-छपरा एनएच-19 पर नगर थाने के अंजानपीर चौक पर राजद कार्यकर्ताओं ने लिट्टी पार्टी का आयोजन किया।

मनेर के छितनावा में अश्लील लौंडा नाच और भद्दे मनोरंजन के लिए अश्लील गीतों पर ठुमके का आयोजन किया गया था तो वहीं, राजद नेताओं ने बंद के दौरान निकाले गये जुलूस में किन्नरों का डांस आयोजित कर लोगों की भीड़ इकट्ठी की। किन्नरों के साथ राजद कार्यकर्ता भी खूब थिरक रहे थे। 

पटना-हाजीपुर मुख्यमार्ग के महात्मा गांधी सेतु पर तो राजद कार्यकर्ता अपने मनोरंजन के लिए हरमोनियम गाने-बजाने का सामान लेकर पहुंचे थे और बीच सड़क पर समर्थकों के साथ बैठकर राजद कार्यकर्ताओं ने लोकगीत का जमकर आनंद उठाया।

वहीं, राजद के बिहार बंद की वजह से गांधी सेतु पर लगे भीषण जाम में फंसी एक एंबुलेंस में महिला मरीज की मौत हो गई । मरीज की मौत के बाद परिजनों का रूदन-क्रंदन जारी रहा। वहीं, कटिहार जिले में भी सड़क जाम में फंसे एक एंबुलेंस में एक बच्चे की मौत हो गई, जिससे परिजनों में काफी आक्रोश देखा गया।

पटना के डाकबंगला चौराहे पर तेजप्रताप-तेजस्वी ने दी गिरफ्तारी

बालू-गिट्टी के मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरे राजद सुप्रीमो के दोनों बेटे सड़क पर उतरे। पटना के डाकबंगला चौराहे पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और छोटे बेटे सह पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गिरफ्तारी दी । तेजस्वी और तेजप्रताप को पुलिस थाने ले गई और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों को रिहा किया गया।

हिरासत में लिए जाने के बाद तेजस्वी ने कहा कि राज्य की सरकार गरीबी नहीं, गरीब को हटाओ की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे। इस बंद में केवल राजद के कार्यकर्ता नहीं गरीब जनता भी शामिल है। बंद सफल रहा है और सरकार को यह दिख रहा है कि अब गरीब जनता ये सब नहीं सहेगी।

राजद समर्थकों ने जमकर मचाया उत्पात

बिहार के सभी जिलों में राजद समर्थक सड़कों पर उतर आए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहीं-कहीं राजद समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। पटना में समर्थकों ने मीडियाकर्मियों के साथ बदतमीजी की तो लोगों के वाहनों से भी छेड़छाड़ कर नुक्सान पहुंचाया। बंद से पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा। लोग सड़कों पर बदहवास इधर-से-उधर जाने के लिए परेशान रहे। 

जगह-जगह समर्थकों ने टायर जलाकर विरोध जताया और खूब हंगामा किया। काफी संख्या में सड़कों पर उतरे राजद कार्यकर्ताओं में नाबालिग बच्चे भी शामिल रहे। पटना में सड़कों पर जहां-तहां जाम लगा रहा, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

ट्रेनों को भी रोका गया, यात्रियों को हुई परेशानी 

पटना के शेखपुरा में राजद कार्यकर्ताओ ने किऊल-गया पैसेंजर ट्रेन को घंटों रोके रखा और जमकर नारेबाजी की।प्रदर्शनकारी राजद कार्यकर्ताओ ने पटना-गया रेलखंड पर जहानाबाद स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक पर आगजनी की और जनशताब्दी ट्रेन को भी रोके रखा। 

वहीं, पटना के मनेर प्रखंड में राजद विधायक भाई वीरेंद्र की अगुवाई में पार्टी के समर्थक सड़क पर उतरे और आगजनी कर एनएच-30 को जाम कर दिया। राजद कार्यकर्ताओं ने 'बालू-गिट्टी का हाहाकार है, नीतीश-मोदी की बहार है' के नारे भी लगाये। भाई वीरेंद्र ने बिहार सरकार द्वारा नई खनन नीति वापस लेने की बात कही और कहा कि इससे गरीब मजदूरों को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। 

इन जिलों पर दिखा बंद का असर

-पटना के बस स्टैंड के पास राजद कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन जताया

-नवादा में राजद कार्यकर्ताओं ने एनएच 31 पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया

-जमालपुर शहर के जुबली बेल चौक को भी जाम कर दिया

-मधुबनी खजौली प्रखंड कार्यालय को बंद करवाकर राजद कार्यकर्ताओं ने कार्यालय द्वार पर की नारेबाज़ी 

-नालंदा के हिलसा बाजार में बिहार बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने तीन दुकानों में लूटपाट एवं रोड़ेबाजी की। एक दुकानदार को गम्भीर रूप से जख्मी किया

- मधेपुरा का बाजा के पूर्णियां गोला चौक के समीप  लालू के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि चाय दुकान पर बंद समर्थकों ने हंगामा कर दुकान में तोड़फोड़ की। उसके बाद दुकानदार व उसके समर्थकों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

-उदाकिशुनगंज में भी लालू के खिलाफ नारेबाजी की। वहां एक व्यवसायी के साथ मारपीट के विरोध में दुकानदारों ने बंद का विरोध किया।

-किशनगंज में बिहार बंद को लेकर राजद समर्थकों ने एनएच-31 को  जाम किया और जमकर नारेबाजी की , एसडीएम के द्वारा आधे घंटे के अंदर एनएच  खाली नहीं करने पर सख्ती बरतने की दी गई चेतावनी

-मुंगेर स्टेशन पर बिहार बंद को लेकर राजद कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोका 

-पूर्णिया जिले के बेलौरी, रानीपतरा एवं मटिया चौक पर राजद समर्थकों ने बिहार बंद को लेकर पूर्णिया-कटिहार मुख्यमार्ग को घण्टों जाम किया

-कटिहार जिले में बिहार बंद को लेकर राजद कार्यकर्ता सडक पर उतरे और जगह-जगह सड़क जाम कर हंगामा मचाया, बाजार को भी पूरी तरह बंद करा दिया 

-लखीसराय में बिहार बंद को लेकर राजद कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और मुंगेर-लखीसराय एनएच 80 को निस्ता एवं गढ़ी विशनपुर के पास जाम कर दिया 

-बांका में बिहार बंद को लेकर इंटर सिटी ट्रेन को घंटों राजद कार्यकर्ताओं ने रोके रखा 

-खगड़िया के बलुआही बस पड़ाव के पास एनएच 31 को राजद कार्यकर्ताओं ने जाम किया और नारेबाजी की

-राजद कार्यकर्ताओं ने मुंगेर रेलवे स्टेशन में बेगूसराय-जमालपुर पैसेंजर ट्रेन को रोक कर प्रदर्शन किया

राजद ने दिखाई अपनी पंद्रह साल पुरानी छवि 

आज बिहार बंद के दौरान राजद नेताओं ने अपनी पुरानी छवि दिखा दी और सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया। राजद के युवा नेता भी मुद्दे की लड़ाई नहीं बल्कि हंगामे और डंडे की राजनीति करते दिखे। जगह-जगह लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और राजद के तमाम बड़े नेताओं की सारी तैयारी और वादे पर पानी फिरता दिखाई दिया। राजद ने अपनी छवि से यह जता दिया है कि हंगामे की राजनीति जायज है।


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