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    Bihar News: मौसम में उतार-चढ़ाव से स्वास्थ्य पर संकट, अस्पतालों में बढ़ रहे वायरल संक्रमण के मरीज

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 09:13 AM (IST)

    पटना में मौसम बदलने से बच्चों की सेहत पर असर पड़ रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो रही है। अभिभावकों को बच्चों को मौसम के अनुसार कपड़े पहनाने और ठंडे पेय से बचाने की सलाह दी गई है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।

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    बिहार के अस्पतालों में बढ़े मरीज

    जागरण संवाददाता, पटना। बदलते मौसम ने बच्चों की सेहत पर असर डालना शुरू कर दिया है। दिन में गर्मी और रात में ठंडक के कारण तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव से सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और वायरल संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं।

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    इसकी संख्या में अभी 30 प्रतिशत तक और वृद्धि का अनुमान है, वर्षा के कारण अभी ओपीडी में मरीजों की संख्या कम है, लेकिन वर्षा खत्म होते ही सरकारी व निजी अस्पतालों में बाल रोगियों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज होगी।

    पीएमसीएच के शिशु विभागाध्यक्ष प्रो. भूपेंद्र नारायण ने बताया कि मौसम का यह अस्थिर दौर बच्चों के लिए चुनौती भरा साबित हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले एक-दो हफ्तों तक तापमान में और गिरावट हो सकती है, इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। अभिभावक सतर्क रहें और बच्चों की दिनचर्या में छोटे बदलाव लाकर उन्हें मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं।

    डॉक्टरों ने दी सावधानी बरतने की सलाह

    आइजीआइएमएस के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. रिजवान अहमद का कहना है कि मौसम में हो रहे तेज बदलाव से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। जिन बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें वायरल संक्रमण, टांसिल और सांस संबंधी दिक्कतें जल्दी घेर लेती हैं।

    उन्होंने सलाह दी कि अभिभावक बच्चों को मौसम के अनुरूप कपड़े पहनाएं, ठंडे पेय-पदार्थ और जंक फूड से बचाएं, तथा सुबह-शाम के समय बाहर खेलने से पहले सावधानी बरतें।

    वायरल बुखार और खांसी-जुकाम के बढ़े केस

    पटना एम्स और पीएमसीएच में इन दिनों ओपीडी में आने वाले मरीजों में लगभग हर तीन में से एक बच्चा सर्दी-जुकाम या बुखार की शिकायत लेकर आ रहा है। कई जगहों पर वायरल फ्लू, ब्रोंकाइटिस और गले के संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं।

    डॉक्टरों का कहना है कि दिन में तापमान करीब 32 डिग्री और रात में 22 डिग्री तक गिर जाने से शरीर को अनुकूलन में कठिनाई हो रही है, इसका असर खासकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर अधिक पड़ रहा है।

    स्कूलों में भी दिखा असर

    राजधानी के कई निजी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सामान्य से कम हो गई है। शिक्षकों ने बताया कि बीते एक सप्ताह से कई बच्चे बुखार या खांसी-जुकाम के कारण स्कूल नहीं आ रहे हैं। कुछ स्कूलों ने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि बच्चे यदि अस्वस्थ हों तो उन्हें आराम करने दें ताकि संक्रमण का प्रसार न हो।

    डॉक्टरों की सलाह

    • बच्चों को गुनगुना पानी पिलाएं और सादा, पौष्टिक भोजन दें।
    • सुबह-शाम के समय ठंडी हवा से बचाएं।
    • घर में वेंटिलेशन अच्छा रखें, लेकिन ठंडी हवा सीधे बच्चों पर न पड़े।
    • विटामिन सी और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
    • लक्षण बढ़ने पर घर पर इलाज न करें, तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।