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    भारत में शुरू से ही सभी नागरिकों को मताधिकार का अधिकार : राज्यपाल

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 11:50 AM (IST)

    राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि इकोज आफ इटर्निटी ए जर्नी थ्रू इंडियन थाट फ्राम द ऋग्वेद टू द प्रेजेंट पवन वर्मा द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर लिखी गई है। इस पुस्तक में भारतीय संस्कृति का विस्तृत वर्णन है जो मानवता को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।

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    भारत में आभासी विविधता में अंतर्निहित एकता है: राज्यपाल

    जागरण संवाददाता, पटना। भारत में आभासी विविधता के बावजूद एक अंतर्निहित एकता मौजूद है। हम सभी आध्यात्मिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हैं। भारतीय संस्कृति में कर्म सिद्धांत का महत्व है, और हमें इस पर गर्व है। यह बातें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने प्रसिद्ध लेखक, विचारक और पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन के. वर्मा की नई पुस्तक ''''इकोज आफ इटर्निटी: ए जर्नी थ्रू इंडियन थाट फ्राम द ऋग्वेद टू द प्रेजेंट'''' के विमोचन के अवसर पर बुधवार को ताज सिटी सेंटर में कही।

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    यह आयोजन प्रभा खेतान फाउंडेशन, श्री सीमेंट और नवरस स्कूल आफ परफार्मिंग आर्ट्स द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इस कार्यक्रम में दैनिक जागरण मीडिया पार्टनर रहा। पुस्तक विमोचन के दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय, नवरस स्कूल आफ परफार्मिंग आर्ट्स के डा. अजीत प्रधान, अहसास वीमेन पटना की अन्विता प्रधान, राधिका प्रधान, होटल ताज के महाप्रबंधक सिद्धार्थ जैन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि ''''इकोज आफ इटर्निटी: ए जर्नी थ्रू इंडियन थाट फ्राम द ऋग्वेद टू द प्रेजेंट'''' पवन वर्मा द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर लिखी गई है। इस पुस्तक में भारतीय संस्कृति का विस्तृत वर्णन है, जो मानवता को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए। भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अध्ययन के लिए यह पुस्तक सभी के लिए उपयोगी है।

    भारतीय लोकतंत्र पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ, तब विश्व के कई देशों में भारत से भी प्राचीन लोकतंत्र थे, लेकिन उन देशों में सभी को मताधिकार प्राप्त नहीं था। उदाहरण के लिए, अफ्रीका में गोरे और काले लोगों के बीच भेदभाव किया जाता था, और काले लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं था। इसके विपरीत, भारत में शुरू से ही सभी नागरिकों को मताधिकार दिया गया, जो भारतीय संस्कृति के मानवीय मूल्यों और तत्कालीन नेताओं के दृष्टिकोण का परिणाम है।

    दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय ने कहा कि यह पुस्तक समाज में व्यापक विमर्श की मांग करती है। बिहार, जहां ज्ञान और परकाया प्रवेश की परंपरा रही है, वहां इस पुस्तक पर व्यापक चर्चा होगी। पवन वर्मा की यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की मौलिकता की खोज करती है। 67 विषयों को समेटे हुए 600 पेज की इस पुस्तक में भारतीय संस्कृति को समग्रता में समझा जा सकता है। यह पुस्तक स्थिरता के साथ-साथ गतिशीलता की ओर भी ले जाती है।

    पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा ने अपनी पुस्तक के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इकोज ऑफ इटर्निटी भारतीय संस्कृति पर आधारित है। इस पुस्तक में ऋग्वेद से लेकर अब्दुल कलाम तक की जानकारी शामिल है। इसमें ब्रह्मसूत्र जैसे गहन विषयों को भी समझाया गया है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद पाठकों की जिज्ञासा इन विषयों को और गहराई से जानने के लिए बढ़ेगी।