बिहार की विधानसभा समितियों में फेरबदल, RJD के चैयरमैन JDU से ज्यादा; लिस्ट में तेज प्रताप का भी नाम
बिहार विधानसभा की समितियों के पुनर्गठन (Bihar Assembly Committees Reshuffle) में वामपंथी विधायकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। पर्यटन उद्योग और कृषि उद्योग से जुड़ी समितियों की अध्यक्षता वामपंथी विधायकों को दी गई है। 26 समितियों का कार्यकाल अगले साल के 31 मार्च तक रहेगा। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव नियम सामान्य प्रयोजन एवं विशेषाधिकार समिति के सभापति हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा की समितियों का पुनर्गठन किया गया है। बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, पर्यटन उद्योग एवं कृषि उद्योग से जुड़ी समितियों का सभापतित्व वामपंथी विधायकों को दिया गया है। 26 समितियों का कार्यकाल अगले साल के 31 मार्च तक रहेगा।
सबसे अधिक आठ समितियां भाजपा को दी गई है। छह समितियां राजद के हवाले हैं, जबकि जदयू को पांच और कांग्रेस को दो समितियां दी गई हैं। भाकपा माले ओर माकपा को एक-एक समितियों की जवाबदेही दी गई है। दो विधायकों वाली भाकपा को किसी समिति का सभापतित्व नहीं दिया गया है।
समिति और सभापति के नाम पढ़ें
विधानसभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव नियम, सामान्य प्रयोजन एवं विशेषाधिकार समिति के सभापति हैं। राजद के भाई वीरेंद्र लोकलेखा, भाजपा के तारिकशोर प्रसाद प्राक्कलन, जदयू के हरिनारायण सिंह सरकारी उपक्रम, राजद के रामवृक्ष सदा पुस्तकालय, जदयू के अशोक कुमार चौधरी आवास समिति के सभापति बनाए गए हैं।
भाजपा के अशोक कुमार सिंह याचिका, कांग्रेस के अजीत शर्मा प्रत्युक्त विधान, जदयू के दामोदर रावत राजकीय आश्वासन, अमरेंद्र कुमार पांडेय प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण, निरंजन कुमार मेहता जिला परिषद एवं पंचायती राज एवं भाजपा के रामप्रीत पासवान अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण समिति के सभापति बनाए गए हैं।
तेज प्रताप यादव को गैर-सरकारी विधेयक एवं संकल्प समिति का सभापति बनाया
भाजपा के अवधेश सिंह, निवेदन, गायत्री देवी महिला एवं बाल विकास, रामनारायण मंडल आचार, ज्ञानेंद्र कुमार ज्ञानू पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण, राजद के तेज प्रताप यादव गैर- सरकारी विधेयक एवं संकल्प, मो. नेहालुद्दीन आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति के सभापति बनाए गए हैं।
कांग्रेस के शकील अहमद खां अल्पसंख्यक समिति, माकपा के अजय कुमार कृषि उद्योग विकास, भाकपा माले के सत्यदेव राम पर्यटन उद्योग, राजद के भारत भूषण मंडल शून्यकाल, केदारनाथ सिंह विरासत विकास एवं भाजपा के पवन कुमार जायसवाल कारा सुधार समिति के सभापति बनाए गए हैं।
दो सूची, दोनों में कर्मचारियों की संख्या भिन्न, विभाग ने मांगा जवाब
दूसरी ओर, भवन निर्माण विभाग के क्षेत्रीय कायार्लय में तैनात कर्मचारियों की संख्या को लेकर विभाग के समक्ष संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसके बाद विभाग ने इस संबंध में कार्य प्रमंडलों से इस संबंध में जवाब मांगा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भवन निर्माण विभाग सात निश्चय के तहत क्षेत्रीय कार्यालयों में नियुक्ति कर्मचारियों के स्वीकृत बल और स्वीकृत पदों को एचआरएमएस (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल पर अपलोड करने की तैयारी में है।
इस कार्य को करने के निमित विभाग ने कार्य प्रमंडलों से एवं अधीनस्थ कार्यालयों से स्वीकृत और उपलब्ध कार्यबल का ब्योरा तलब किया था। विभाग के निर्देश के बाद 2024 और 2025 में क्षेत्रीय कार्यालयों की ओर से कर्मचारियों की सूची विभाग को मुहैया कराई गई।
सूत्र बताते हैं कि दोनों सूचियों के आकलन में यह बात सामने आई कि दोनों में स्वीकृत पदों की संख्या में भिन्नता है। पटना भवन अंचल की 2024 की सूची में स्वीकृत बल 19 है जबकि 2025 में यह संख्या 41 दिखाई गई है। इसी प्रकार अंचल भवन मोतिहारी में 2024 में 23 स्वीकृत पद दिखाएं गए हैं जबकि 2025 में यह संख्या 42 दिखाई गई है। ऐसा ही हाल भागलपुर अंचल का है।
यहां से 2024 की सूची में 38 स्वीकृत पद दिखाए गए जबकि 2025 की सूची में पदों की यह संख्या 26 हो गई। आंकड़ों में इस प्रकार की गड़बड़ी के बाद विभाग की ओर से कार्य प्रमंडलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करें और विभाग को जानकारी दें कि असलियत में कौन से सूची सही है।
2024 की सूची में स्वीकृत कार्यबल सही है अथवा 2025 में जारी सूची में स्वीकृत कार्यबल। विभाग ने इस कार्य को पूरा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है।
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