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    Bihar News: बीपीएससी परीक्षा में डिबार किए गए अभ्यर्थियों को मिली राहत, स्थायी प्रतिबंध आदेश रद

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Pandey
    Updated: Fri, 18 Apr 2025 08:16 PM (IST)

    पटना उच्च न्यायालय ने शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2023 में दूसरे को बैठाने के आरोप में डिबार किए गए अभ्यर्थी को राहत दी है। न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा ने आयोग के प्रतिबंध को रद कर दिया और नोटिस हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकारते हुए बीपीएससी के स्थायी प्रतिबंध संबंधी आदेश को गलत और अवैध करार देते हुए उसे रद कर दिया।

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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2023 के दौरान दूसरे उम्मीदवार को अपने स्थान पर बैठाने के आरोप में स्थायी रूप से डिबार किए गए अभ्यर्थी को बड़ी राहत दी है।

    न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को निरस्त करते हुए वेबसाइट से नोटिस हटाने और देशभर के सभी आयोगों को यह सूचना भेजने का निर्देश दिया है कि प्रतिबंध का आदेश अब प्रभावी नहीं है।

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    यह आदेश प्रभाष कुमार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अविनाश शेखर ने कोर्ट को बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग ने 29 दिसंबर 2023 को एक सूचना जारी कर 49 अभ्यर्थियों पर यह आरोप लगाया कि वे शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा में अपनी जगह दूसरे को बैठा दिया था।

    आगामी परीक्षा में बैठने से कर दिया गया था वंचित

    इसी आधार पर उन्हें किसी भी आगामी परीक्षा में बैठने से स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया। अधिवक्ता ने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने 8 दिसंबर 2023 को गणित शिक्षक के पद के लिए आयोजित परीक्षा में स्वयं शामिल होकर बायोमेट्रिक जांच और फोटो वेरीफिकेशन करवाया था।

    उन्हें परीक्षा में केवल 40 अंक प्राप्त हुए और वे चयनित भी नहीं हुए। ऐसे में न तो कोई अनुचित लाभ प्राप्त हुआ और न ही किसी तरह की अनियमितता सिद्ध हुई। बीपीएससी ने अपने जवाबी हलफनामे में माना कि यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा में गड़बड़ी करता है, तो बिहार परीक्षा संचालन कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।

    लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकारते हुए बीपीएससी के स्थायी प्रतिबंध संबंधी आदेश को गलत और अवैध करार देते हुए उसे रद कर दिया।

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