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    मंत्री होने के बाद भी क‍िस दर्द की बात करने लगे रामकृपाल यादव; विकस‍ित बिहार की जरूरतें की साझा

    By Raman Shukla Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 08:38 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने मंत्री बनने के बाद भी बिहार के विकास की चुनौतियों पर बात की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, रोजगार और कृषि जैसे ...और पढ़ें

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    कृष‍ि मंत्री रामकृपाल यादव ने क‍िसानों को क‍िया संबोध‍ित। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार के कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बुधवार को कृषि भवन, मीठापुर अवस्थित कृषि विभाग के विभिन्न संभागों का भ्रमण कर किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। 

    उन्‍होंने इस दौरान कार्यपद्धति से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। उन्होंने सभी संभागों में संचिकाओं को सुव्यवस्थित करने की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया। 

    कृषि भवन, पटना में प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (सूक्ष्म सिंचाई) पर चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवादा एवं गया जिला से आए किसानों को संबोधित किया। किसान काॅल सेंटर का भी भ्रमण किया। 

    आमदनी बढ़ाने के लिए दे रहे पानी, खाद-बीज

    कृषि रेडियो का भी भ्रमण किया और कृषि रेडियो के माध्यम से किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि विभाग का दायित्व मेरे कंधों पर दिया है। मैं स्वयं भी किसान का बेटा हूं, मैं आपके दर्द एवं पीड़ा को जानता हूं।

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    आपकी आमदनी बढ़ाने के लिए विभाग पूरे टीम के साथ आपको समय पर सिंचाई के लिए पानी, उचित मूल्य पर खाद-बीज एवं नवीनत्तम तकनीक उपलब्ध करा रहे है।

    एनडीए सरकार का स्पष्ट मानना है कि कृषि एवं किसानों के विकास के बिना विकसित बिहार की परिकल्पना नहीं की जा सकती। इस दौरान कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। 

    42 कृषक परिवारों के बीच चूजे वितरित

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना को फार्मर्स फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत क्षमता-विकास सह चूजा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद प्रायोजित इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बैकयार्ड पोल्ट्री को प्रोत्साहित कर ग्रामीण परिवारों में पोषण एवं आजीविका सुरक्षा को मजबूत करना है।

    यह कार्यक्रम निदेशक प्रसार शिक्षा डा. एन. एस. दहिया के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के तहत हाजीपुर प्रखंड के सेन्दुआरी गांव के 42 लाभार्थी कृषक परिवारों को चूजे वितरित किए गए।

    परियोजना के प्रधान अन्वेषक डा. वाइ. एस. जादौन ने कहा कि यह माॅडल ग्रामीण स्तर पर आय वृद्धि और पोषण सुधार का एक सरल एवं प्रभावी तरीका है।

    कुलपति डा. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि ऐसी पहलें ग्रामीण परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।