मूर्तिकार राम वनजी सुतार का निधन, कला जगत में शोक
महान मूर्तिकार राम वनजी सुतार, जिन्होंने गांधी मैदान की भव्य प्रतिमा बनाई, का निधन हो गया है। 99 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। राम सुतार को ...और पढ़ें

गांधी मैदान में लगी प्रतिमा बनाने वाले प्रख्यात मूर्तिकार रामसुतार का निधन
जागरण संवाददाता, पटना।देश-दुनिया में अपनी विलक्षण कृतियों से पहचान बनाने वाले प्रख्यात मूर्तिकार रामसुतार का निधन हो गया। उन्होंने 100 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे रामसुतार के निधन की खबर से कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी कृतियां न केवल भारत, बल्कि विश्वभर में भारतीय कला की पहचान मानी जाती हैं। पटना के गांधी मैदान में स्थापित विश्व की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा के रचनाकार के रूप में भी उन्हें विशेष रूप से याद किया जाएगा।
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यह कांस्य प्रतिमा 72 फीट ऊंची है, जिसका आधार 24 फीट का है। इस भव्य प्रतिमा का अनावरण 15 फरवरी 2013 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इस मूर्ति के मुख्य डिजाइनर स्वयं रामसुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार रहे। गांधी के विचारों से प्रभावित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर यह प्रतिमा बिहार की पहचान बन गई, जो आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
रामसुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदुर गांव में हुआ था। उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित जे.जे. कॉलेज ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से शिक्षा प्राप्त की और वहां से गोल्ड मेडल हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। कला के प्रति उनका समर्पण और मेहनत ही उन्हें विश्वस्तरीय मूर्तिकार की ऊंचाइयों तक ले गई।
रामसुतार की कृतियों की सूची बेहद लंबी और गौरवशाली है। संसद परिसर में ध्यानमग्न मुद्रा में महात्मा गांधी की प्रतिमा, घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति और गुजरात में बनी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’—सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा—उनकी महान रचनात्मक क्षमता का प्रमाण हैं। इन कृतियों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई।
कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए रामसुतार को पद्मश्री और पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था। उनके निधन पर बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि रामसुतार अंतरराष्ट्रीय स्तर के मूर्तिकार थे और पटना में गांधी की भव्य प्रतिमा उनकी अमर पहचान है। उनके जाने से देश ने एक ऐसा कलाकार खो दिया है, जिसकी कला आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।

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