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    Rajgir Zoo Safari: भोला को खीर तो झबरी को पसंद है खिचड़ी, यहां बाघों का भी रखना पड़ता ख्‍याल

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Tue, 02 Aug 2022 01:47 PM (IST)

    Rajgir Zoo Safari बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर जू सफारी की यात्रा लोगों को रोमांचित कर देती है। खुले में विचरण करते बाघ-शेर भालुओं को देखना क ...और पढ़ें

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    राजगीर जू सफारी में भ्रमण करते शेर, बाघ और हिरण। जागरण

    रजनीकांत, बिहारशरीफ। भोला को खीर तो झबरी को खिचड़ी पसंद है। अगर शहद मिल जाये तो सोने पर सुहागा। कभी-कभी दोनों ईंख से भी काम चला लेते है। अब आपको लग रहा होगा कि हम किसी इंसान के खाने की बात कर रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। बात हो रही है राजगीर स्थित जू सफारी के भालुओं की। इन्‍हें खुले में देखना रोमांच से भर देगा। यहां भीमा, स्‍वर्णा और अर्जुन भी आपको जंगल सफारी का खास आनंद देंगे।

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    250 रुपये में करिए जू सफारी का सफर

    करीब 191 हेक्‍टेयर में फैले इस जू सफारी में देखने के लिए तो काफी कुछ है। लेकिन यहां का रोमांच लेने के लिए आपको 250 रुपये खर्च करने होंगे। ताकि आप जू सफारी के प्रवेश द्वार से सफारी प्‍लाजा तक का सफर कर सकें। दिव्यांगों व बुजुर्गों को ले जाने के लिए बैट्री वाहन भी हैं। लेकिन इसके लिए प्रतीक्षा करनी होगी। जैसे ही आपका नंबर आएगा, नाम लेकर बुलाया जाएगा। सामने एक बुलेटप्रूफ एसी बस होगी। अंदर बैठते ही आपकी मुलाकात एक गाइड से होगी। हाथ में वाकी-टाकी लिए पहले वह आपका स्वागत करेंगे, फिर निकल पड़ेंगे जू सफारी के रोमांचक सफर पर।

    एक के बाद दूसरे गेटों से गुजरते समय बढ़ता जाएगा रोमांच 

    पहाड़ियों व हरे-भरे जंगल के बीच आपकी मुलाकात सबसे पहले कुलांचे भरते हिरणों से होगी। पहला एक गेट जिसको पार करने के बाद एक दूसरा गेट मिलेगा। पहला गेट बंद होते ही दूसरा गेट खुल जाएगा। आगे गड्ढा, उसमें भरा पानी। आपको लगेगा ये क्या। तब गाइड बताएगा कि साहब ये सैैनिटाइजर है। ताकि जानवरों को इंफेक्शन न लगे। यहां आपको सांभर,  ब्लैक बक, हाग डिअर, बार्किंग डिअर, चीतल व नीलगाय दिखेंगे। इनकी कुल संख्या 400 के करीब है।

    भोला और झबड़ी लाए गए हैं पटना चिड़‍ियाघर से 

    लेकिन जैसे ही गाइड आपको गेट नंबर दो पर भोला व झबरी के बारे में बताएगा आपकी उत्सुकता बढ़ने लगेगी। नाम में ही रोमांच का अहसास होगा। ये दोनों भालू है। भोला नर तो झबरी मादा है। भोला को खीर तो झबरी को खिचड़ी पसंद है। हालांकि, इन्‍हें खाते देखना आपकी किस्‍मत पर निर्भर करता है। इन्‍हें पटना जू से लाया गया है।इस कारण तापमान व माहौल में एडजस्ट करना पड़ रहा है। गाइड ने बताया कि गर्मी ज्यादा न लगे, इसलिए शहद दिया जाता है। इसके बाद आपको गेट नंबर तीन पर मिलेगा राजा। नाम पर न जाएं, ये जंगल का राजा नहीं बल्कि चीता है। नर राजा है तो बेतिया मादा। काफी मशक्कत के बाद राजा को पटना से व बेतिया को बेतिया से लाया गया है।

    बाघों को पसंद नहीं है फ्लैशलाइट की रोशनी  

    गोपालगंज वाले चीता को क्वारंटाइन में रखा गया है। यहां तक तो सब ठीक ठाक लगेगा। उबड़ खाबड़ रोड व हिचकोले खाती बस। फिर आप प्रवेश करेंगे गेट नंबर चार में। यहां आपकी मुलाकात होगी भीमा, स्वर्णा व अर्जुन नाम के बाघ से। नाम के हिसाब से इनका अंदाज भी निराला है। आराम में कभी खलल पड़ गया और गलती से आपने मोबाइल का फ़्लैश लाइट आन रखा तो आपकी खैर नहीं। गाइड ने बताया कि गलती से किसी महिला ने कह दिया था कि फ्लैश लाइट से कुछ नहीं होता, मैं खुद एक शेरनी हूं। फिर क्या बाघ ने गाड़ी के शीशे पर ऐसा पंजा मारा कि मैडम की बोलती बंद हो गई थी। गाइड की कहानी सुनने के बाद भय और रोमांच दोनों का अहसास होता है।

    पांचवें गेट में घुसते ही दिखेगा जंगल का राजा 

    आखिरी पड़ाव पर मिलते हैं जंगल के राजा। पांचवें गेट पर पांच शेर। आगे बढ़ते ही पांचों शेर का दीदार खास आनंद देगा। गाइड ने बताया कि घबराने की बात नहीं है। ये लोग 22-22 घंटे सोते रहते  हैं। कभी कभी ये आपके गाड़ी के आगे घूमते नजर आएंगे। वहां से आपका सफर खत्‍म।  लौटने पर गाइड आपसे पूछेगा कि आपको यह ट्रिप कैसा लगा।  

    ऐसे पहुंचें राजगीर के जू सफारी तक 

    पटना, गया व नवादा से पैसेंजर बस, भाड़े की गाड़ी या निजी वाहनों से राजगीर जू-सफारी में पहुंचा जा सकता है। राजगीर बिहार की राजधानी पटना से करीब 103 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। वहीं नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से 25 किमी दक्षिण तथा गया से 66 किमी उत्तर-पूर्व स्थित है। नवादा से 36 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में स्थित है। पटना से ट्रेन, पैसेंजर बस या निजी वाहनों से पहुंचा जा सकता है। पटना-राजगीर-पटना के लिए अभी ई-बस परिचालन की सुविधा बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से दी गई है।

    सरकारी बस का किराया 196 रुपये

    राजगीर से पटना तक पथ परिवहन निगम की एसी बस का किराया 196 रुपया है। यही किराया पटना से राजगीर तक लागू है। पटना-राजगीर-पटना आवागमन में चार घंटे का समय लगता है। पटना से बिहारशरीफ तक 116 रुपये तथा बिहारशरीफ से राजगीर का किराया 40 रुपये है। बिहारशरीफ से 45 मिनट में राजगीर पहुंचा जा सकता है। वहीं गया से राजगीर का किराया 150 रुपये है। गया से राजगीर पहुंचने में दो घंटे का समय लगता है। नवादा से राजगीर का किराया 80 रुपया है। वहां से राजगीर पहुंचने में डेढ़ घंटे लगते हैं।