Bihar News: विश्वविद्यालयों की व्यवस्था सुधार में जुटा राजभवन, अब ऑनलाइन होगा सारा डेटा
पटना के विश्वविद्यालयों में सुधार के लिए राजभवन सक्रिय हो गया है। कुलपतियों और कुलसचिवों को जवाबदेह बनाया जा रहा है। विश्वविद्यालयों को छात्रों की संख्या फीस आय-व्यय का विवरण समर्थ पोर्टल पर देना होगा। 15 अगस्त से यह व्यवस्था लागू होगी जिसमें विश्वविद्यालयों की गतिविधियों और रिसर्च प्रोजेक्ट की जानकारी भी देनी होगी।

दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों की व्यवस्था में बड़े सुधार की दिशा में राजभवन व कुलाधिपति कार्यालय जुट गया है। कुलपतियों और कुलसचिवों को और जवाबदेह बनाने की कवायद भी शुरू की गई है। सबसे महत्वपूर्ण पहल यह कि किस विश्वविद्यालय में कितने विद्यार्थी नामांकित हैं और उनके लिए क्या शैक्षणिक सुविधाएं हैं? इसे प्राथमिकता दी जाएगी। नामांकित छात्र-छात्राओं से लेकर आय-व्यय समेत तमाम जानकारी समर्थ पोर्टल पर विश्वविद्यालयों को देनी होगी।
यह व्यवस्था 15 अगस्त से सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगी। विश्वविद्यालयों की तमाम गतिविधियों की सूचना भी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। रिसर्च प्रोजेक्ट के क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्तर पर क्या कार्य हो रहा है, इसके बारे में पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
विश्वविद्यालय स्तर पर प्रशासनिक व शैक्षणिक तथा वित्तीय व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कुलपति व कुलसचिव जवाबदेह होंगे। सभी विश्वविद्यालयों के वार्षिक बजट को आनलाइन करने को कहा गया है। इससे विश्वविद्यालयों में संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। बता दें कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए अपना वार्षिक बजट को शिक्षा मंत्रालय के समर्थ नामक पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है।
नामांकन शुल्क में पारदर्शिता लाना अनिवार्य
राजभवन सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों को अब अपने यहां नामांकित छात्रों की संख्या, उनकी फीस और अन्य संबंधित जानकारी के साथ-साथ अपने आय और व्यय का पूरा विवरण सरकार को देना होगा। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
विश्वविद्यालयों को अपने सभी नामांकित छात्रों की संख्या, नामांकन शुल्क, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और सामान्य पाठ्यक्रम और अन्य प्रासंगिक जानकारी समर्थ पोर्टल पर अपलोड कर सरकार को देनी होगी। वहीं सभी विश्वविद्यालयों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शुल्क में समानता लानी होगी।
विश्वविद्यालयों को अपनी आय और व्यय का पूरा विवरण भी प्रस्तुत करना होगा। विश्वविद्यालयों को अन्य प्रासंगिक जानकारी भी शेयर करनी होगी। जैसे-छात्रवृत्ति, अनुसंधान और अन्य गतिविधियों से संबंधित जानकारी। यह जानकारी विश्वविद्यालयों को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए देने को कहा गया है।
खासकर, बजट के डिजिटल होने से छात्रों, शिक्षकों एवं अन्य हितधारकों से जुड़ी योजनाओं और उसके क्रियान्वयन, प्रबंधन, संवाद और निगरानी में विश्वविद्यालयों के लिए आसानी होगी। इससे वित्तीय व्यवस्था में भी पारदर्शिता आएगी। निर्देश में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन मद की राशि की मांग भी विश्वविद्यालयों द्वारा समर्थ पोर्टल के माध्यम से ही की जाएगी।
यह डाटा भी अपलोड करने का निर्देश
हर विश्वविद्यालय में शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या और उनकी योग्यता समेत पूरा ब्योरा, उनका वेतन संरचना, वेतन मद में प्रतिमाह देय राशि और इसके लिए प्रति वर्ष राशि की आवश्यकता ईम्पलाई पेरौल मैनेजमेंट माड्यूल के माध्यम से दर्शायी जाएगी। इसके तहत समर्थ पोर्टल पर हर स्टेप की जानकारी रहेगी। गैर वेतन मद की राशि की मांग समर्थ पोर्टल के बजट मैनेजमेंट माड्यूल के माध्यम से होगी।
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