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    Raghuvansh Prasad Singh Death: बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते, स्मृति शेष

    By Bihar News NetworkEdited By:
    Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:58 AM (IST)

    रघुवंश प्रसाद सिंह के दम तोड़ने के बाद उनकी स्मृति शेष रह गई है। वैशालीगढ़ पर अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। वैशाली का विकास रहा चिंता में। जानिय ...और पढ़ें

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    Raghuvansh Prasad Singh Death: बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते, स्मृति शेष

    शैलेश कुमार, हाजीपुर: डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह, एक ऐसा नाम जो दशकों तक बिहार और देश के आम और खास की जुबान पर चढ़ा रहा। सबके चहते रघुवंश बाबू। क्या पक्ष और क्या विपक्ष, सबके प्रिय रघुवंश बाबू। सैद्धांतिक मतभेदों के बावजूद किसी के प्रति दुराव या मनमुटाव नहीं। यही कारण रहा कि जब तक सार्वजनिक जीवन में रघुवंश बाबू रहे, लोग उनकी कही बातों पर गौर करते रहे।

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    दिल्ली एम्स में इलाजरत रघुवंश बाबू ने वैशाली के विकास को ले नीतीश कुमार के नाम लिखा था पत्र

    दिल्ली एम्स में इलाजरत रघुवंश बाबू ने जब वैशाली के विकास को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पत्र लिखा तो उस पत्र के मजमून की गूंज दू-दूर तक सुनाई पड़ी। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रघुवंश बाबू के निधन पर अपनी ओर से श्रद्धांजलि देते हुए उस पत्र का जिक्र किया और यह भरोसा दिया कि वैशाली का विकास किया जाएगा।

    वैशाली को लेकर अपनी चिंता जाहिर करने लगते थे तो लगातार बोलते ही जाते थे रघुवंश बाबू

    रघुवंश बाबू वैशाली की दास्तां सुनाते-सुनाते चिर निद्रा में सो गए। अभी तो वैशाली के लिए उन्हें बहुत काम करना था। जब वह वैशाली को लेकर अपनी चिंता जाहिर करने लगते थे तो बोलते ही जाते थे। लोग ध्यान से सुनते थे। अब उनकी ठेठ और गंवई शैली देखने-सुनने को नहीं मिलेगी। वैशाली के लिए रघुवंश बाबू क्या थे, यह आज पता चल रहा है। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर वैशालीगढ़ पहुंचा, आम और खास की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी की आंखें नम। सभी की यादों में रघुवंश बाबू। गणतंत्र की आदिभूमि भी अपने इस सपूत के पार्थिव शरीर को देख मानो रो पड़ी।  वहां लगाया गया पंडाल छोटा पड़ गया। वहां के व्यवस्थापकों ने भी नहीं सोचा होगा कि उनके अंतिम दर्शन के लिए वैशाली में जनसैलाव उमड़ पड़ेगा। हजारों लोग। रघुवंश बाबू अमर रहें, जब तक सूरज-चांद रहेगा रघुवंश बाबू का नाम रहेगा जैसे नारों से गणतंत्र की आदि भूमि का आसमान गूंजता रहा। 

    साढ़े नौ बजे रघुवंश बाबू का लाया गया पार्थिव शरीर, प्रशासन द्वारा किए गए सारे इंतजाम हुए फेल

    वैशाली लोकसभा क्षेत्र के मीनापुर, कांटी, बरूराज, साहेबगंज, पारू, वैशाली  आदि से लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा । प्रखंड प्रमुख हेमंत कुमार सिंह की देखरेख में यहां वैशाली के ऐतिहासिक गढ पर व्यवस्था की गयी थी।  करीब साढे नौ बजे रघुवंश बाबू का पार्थिव शरीर यहां लाया गया। यहां पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए सारे इंतजाम फेल हो गए।  पहले तो लोगों ने गाडी पर चढ कर पुष्पांजलि दी। बाद में लोगों के आग्रह पर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए वैशालीगढ़ पर उतारा गया।

    मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक सहित कई नेताओं ने दी पुष्पांजली

    पुष्पांजली अर्पित करने वाले में मुख्य रूप से राज्य के सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह, पूर्व मंत्री अजीत कुमार, पूर्व विधायक राजू सिंह, वैशाली विधायक राजकिशोर सिंह, पारू विधायक अशोक सिंह, जैतपुर स्टेट कांग्रेस नेता अनुनय कुमार सिंह, डाॅ बसंत कुमार सिंह, पूर्व मुखिया सुरेन्द्र राम, अर्जुन सिंह, भूपाल भारती, मेवालाल राय, अखिलेश कुमार कन्हाई, ई रहमानी आदि शामिल थे।