Patna News: पुनपुन में इस दिन से शुरू होगा पितृ पक्ष मेला, श्रद्धालुओं को लक्ष्मण झूला समेत मिलेंगी कई सुविधाएं
पुनपुन में 6 से 21 सितंबर तक विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला लगेगा। इस बार श्रद्धालु लक्ष्मण झूला जैसे केबल ब्रिज से घाट तक जा सकेंगे। जिलाधिकारी ने साफ-सफाई पेयजल और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए हैं। पुनपुन पहला अंतरराष्ट्रीय पिंडदान स्थल है जहाँ देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। पुनपुन में 6 से 21 सितंबर तक लगने वाले विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पितृ पक्ष मेले में इस बार ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा। पहली बार श्रद्धालु और पर्यटक पुनपुन नदी पर लक्ष्मण झूला की शैली में बन रहे केबल सस्पेंशन ब्रिज के जरिए तर्पण और पिंडदान के लिए घाट तक जा सकेंगे।
शुक्रवार को मेले की तैयारियों का जायजा ले रहे जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि पुल का निर्माण अंतिम चरण में है और मेला शुरू होने से पहले इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
देश-विदेश से हजारों-लाखों लोगों के आने की संभावना को देखते हुए उन्होंने साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, चेंजिंग रूम, चिकित्सा, यातायात, पार्किंग, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य का पहला हल्का वाहन केबल सस्पेंशन ब्रिज
डीएम ने बताया कि पुल निर्माण निगम पुनपुन नदी पर बन रहे लक्ष्मण झूला जैसे केबल सस्पेंशन ब्रिज को अंतिम रूप दे रहा है। इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तर्पण और पिंडदान के लिए आने-जाने में काफी सुविधा होगी, उनका अनुभव भी यादगार होगा।
यह राज्य का पहला लाइट व्हीकल केबल सस्पेंशन ब्रिज है जो 320 मीटर लंबा और 11.5 मीटर चौड़ा है। इसमें 18 केबल और 100 फीट ऊंचा तोरण लगा है। इसके अलावा मेला परिसर में हाई मास्ट एलईडी लाइट, सीसीटीवी कैमरे, मे आई हेल्प यू काउंटर, अस्थायी टेंट और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी।
पुनपुन रेलवे स्टेशन और घाट पड़ाव पर ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को पत्र लिखा जा रहा है। प्रतिदिन तीन शिफ्ट में सफाई और फॉगिंग के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा पुनपुन
डीएम ने कहा कि मान्यता है कि पितृ पक्ष में पहला पिंडदान पुनपुन नदी के तट पर किया जाता है, इसलिए इसे पहला अंतरराष्ट्रीय पिंडदान स्थल कहा जाता है। इसके बाद ही श्रद्धालु गया जाकर पिंडदान और तर्पण करते हैं। यह एक प्राचीन पवित्र तीर्थ स्थल है, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं।
उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग और बैनर लगाकर इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। शहीद रामानंद सिंह रामगोविंद सिंह स्मृति पार्क, यात्री शेड और नदी घाट की मरम्मत और रंग-रोगन का भी आदेश दिया गया।
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