पटना के इस इलाके को कहा जाता है एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी, जानें यहां की समस्याएं
दैनिक जागरण की वोट यात्रा लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब के अंतर्गत कंकड़बाग पहुंची। हमने जाना कि आखिर एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी में शुभार कंकड़बाग की मूल समस्या है क्या।
By Edited By: Published: Tue, 14 May 2019 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 08:42 AM (IST)
प्रभात रंजन, पटना। जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं की कमी हो गई है। बस चुनाव के समय नेताओं की लंबी-लंबी बातें होती हैं, चुनाव जीतने के बाद कोई अपने क्षेत्र को पांच सालों तक देखने नहीं आता। ऐसे में प्रत्याशियों से क्या अपेक्षा की जाए कि इस बार के चुनाव जीतने के बाद हमारे लिए बेहतर काम करेंगे। हमें इस बार ऐसा नेता को वोट देना है जो हमारी मूलभूत समस्याएं पानी, बिजली, नाले की सफाई, स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना, स्कूलों में बेहतर पढ़ाई आदि समस्याओं को दूर कर सके।
दैनिक जागरण की ओर से 'वोट यात्रा' लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब के अंतर्गत कंकड़बाग पहुंची। कंकड़बाग के मलाही पकड़ी मोड़ पर मतदाताओं की नब्ज टटोलने का प्रयास किया गया, जिसमें क्षेत्र के विकास को लेकर कई बातें सामने आईं।
एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी में शुमार कंकड़बाग का इलाका बुद्धिजीवियों का इलाका माना जाता रहा है। करीब 20 लाख सघन आबादी वाले और 13 लाख मतदाताओं वाले इस इलाके में डॉक्टर से लेकर प्रोफेसर, व्यवसायी और आम लोगों का निवास स्थान होने के साथ इनकी कर्मभूमि भी है। चुनाव के समय में नेताओं का सबसे बड़ा वोट बैंक कहे जाना वाला इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
इलाके के योगीपुर, मुन्ना चौक, चित्रगुप्त नगर, आरएमएस कॉलोनी आदि कई जगह ऐसी हैं, जहां पर खुला नाला परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता अभय शर्मा ने कहा कि केंद्र में किसी पार्टी की सरकार बनी है, लेकिन जो काम जमीनी स्तर पर होना चाहिए वो नहीं हुआ।
वर्षो पहले हुआ था नाले का निर्माण, अभी तक नहीं हुई सफाई
इलाके का सबसे बड़ी समस्या यहां का खुला नाला है। इलाके के अधिकतर नाले खुले होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। आसपास के इलाके में बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इलाके के कुमार रवि ने कहा कि वर्ष 2009 में एनबीसी की ओर से नाला का निर्माण हुआ था, लेकिन अब तक नाले की सफाई नहीं हुई। 10 वर्षो में किसी ने भी इस समस्या को लेकर बात नहीं की। नाले पर अगर सड़क बन जाए तो तो योगीपुर इलाके का विकास होगा। लोगों को रोजगार मिलने के साथ एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में समय की बचत होगी। बीमार पड़ने पर महंगे निजी क्लिनिक का सहारा इलाके में न तो कोई बड़ा अस्पताल है और न हीं सरकार की ओर से चलने वाली जेनरिक दवाओं की दुकान।
इस इलाके में सिर्फ प्राइवेट हास्पिटल हैं, जहां पर गरीब लोगों का इलाज कराना मुश्किल है। इलाके के मुन्नाजी की मानें तो किसी की बीमार पड़ने के बाद उसे पटना मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज या पटना एम्स ले जाया जाता है। आसपास के इलाके में कोई भी बड़ा हास्पिटल नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। मुन्ना चौक के पास जलजमाव की समस्या गंभीर वही कुमार रवि बताता है कि मुन्ना चौक के इर्द-गिर्द इलाके में सड़क पर सालों भर पानी जमा रहता है।
सड़क पर जम जाता है पानी
बरसात के मौसम में यहां रहना नरक के समान होता है। सड़क पर पानी जमा होने का सबसे बड़ा कारण नाला की सफाई है। नाले की सफाई नहीं होने के कारण पानी का बहाव ठीक से नहीं हो पाता। इसके कारण आए दिन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कई योजनाओं का लाभ वाजिब लाभार्थियों को नहीं मिल पाता है। इलाके के मुन्ना ने कहा कि इस इलाके में केवट, मल्लाह, यादव आदि लोगों की काफी जनसंख्या है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता। कबीर अंत्येष्टि योजना, इंदिरा आवास, वृद्धा पेंशन आदि कई योजनाओं से लोग यहां वंचित है।
बिजली के खंभों से लटक रहा खुला तार
सामाजिक कार्यकर्ता अभय शर्मा बताते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही उज्ज्वला योजना का लाभ लोगों को कुछ हद तक मिला है। वही गैस पाइपलाइन का काम भी इलाके में हो रहा है। वही हनुमाननगर के कई इलाकों की संकीर्ण गलियों में बिजली खंभों पर खुला तार लटक रहा है, जिससे लोगों को खतरा बना रहता है। इलाके में कूड़ा उठाव को लेकर भी निगम का भी काम ठीक से नहीं हो पा रहा है। नहीं हो पा रही इलाके में पानी की सप्लाई इलाके में पानी की सप्लाई कुछ जगहों पर होती है तो कुछ जगहों पर नहीं।
अभय बताते हैं कि पानी की सप्लाई ठीक नहीं होने के कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है। भूगर्भ नाला के निर्माण के बाद पानी के पाइप को आज तक नहीं बदला गया। इसके कारण कई जगहों पर गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत हर घर जल योजना का लाभ लोगों को मिला, लेकिन जगह-जगह पर पाइप फटे होने के कारण स्थिति बदतर हो गई है। 70 साल पहले बसे इस इलाके में जनसंख्या का विस्तार तेजी से तो हुआ है, लेकिन उस आधार पर विकास नहीं हो पाया।
दैनिक जागरण की ओर से 'वोट यात्रा' लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब के अंतर्गत कंकड़बाग पहुंची। कंकड़बाग के मलाही पकड़ी मोड़ पर मतदाताओं की नब्ज टटोलने का प्रयास किया गया, जिसमें क्षेत्र के विकास को लेकर कई बातें सामने आईं।
एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी में शुमार कंकड़बाग का इलाका बुद्धिजीवियों का इलाका माना जाता रहा है। करीब 20 लाख सघन आबादी वाले और 13 लाख मतदाताओं वाले इस इलाके में डॉक्टर से लेकर प्रोफेसर, व्यवसायी और आम लोगों का निवास स्थान होने के साथ इनकी कर्मभूमि भी है। चुनाव के समय में नेताओं का सबसे बड़ा वोट बैंक कहे जाना वाला इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
इलाके के योगीपुर, मुन्ना चौक, चित्रगुप्त नगर, आरएमएस कॉलोनी आदि कई जगह ऐसी हैं, जहां पर खुला नाला परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता अभय शर्मा ने कहा कि केंद्र में किसी पार्टी की सरकार बनी है, लेकिन जो काम जमीनी स्तर पर होना चाहिए वो नहीं हुआ।
वर्षो पहले हुआ था नाले का निर्माण, अभी तक नहीं हुई सफाई
इलाके का सबसे बड़ी समस्या यहां का खुला नाला है। इलाके के अधिकतर नाले खुले होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। आसपास के इलाके में बदबू से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। इलाके के कुमार रवि ने कहा कि वर्ष 2009 में एनबीसी की ओर से नाला का निर्माण हुआ था, लेकिन अब तक नाले की सफाई नहीं हुई। 10 वर्षो में किसी ने भी इस समस्या को लेकर बात नहीं की। नाले पर अगर सड़क बन जाए तो तो योगीपुर इलाके का विकास होगा। लोगों को रोजगार मिलने के साथ एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में समय की बचत होगी। बीमार पड़ने पर महंगे निजी क्लिनिक का सहारा इलाके में न तो कोई बड़ा अस्पताल है और न हीं सरकार की ओर से चलने वाली जेनरिक दवाओं की दुकान।
इस इलाके में सिर्फ प्राइवेट हास्पिटल हैं, जहां पर गरीब लोगों का इलाज कराना मुश्किल है। इलाके के मुन्नाजी की मानें तो किसी की बीमार पड़ने के बाद उसे पटना मेडिकल कॉलेज, नालंदा मेडिकल कॉलेज या पटना एम्स ले जाया जाता है। आसपास के इलाके में कोई भी बड़ा हास्पिटल नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। मुन्ना चौक के पास जलजमाव की समस्या गंभीर वही कुमार रवि बताता है कि मुन्ना चौक के इर्द-गिर्द इलाके में सड़क पर सालों भर पानी जमा रहता है।
सड़क पर जम जाता है पानी
बरसात के मौसम में यहां रहना नरक के समान होता है। सड़क पर पानी जमा होने का सबसे बड़ा कारण नाला की सफाई है। नाले की सफाई नहीं होने के कारण पानी का बहाव ठीक से नहीं हो पाता। इसके कारण आए दिन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कई योजनाओं का लाभ वाजिब लाभार्थियों को नहीं मिल पाता है। इलाके के मुन्ना ने कहा कि इस इलाके में केवट, मल्लाह, यादव आदि लोगों की काफी जनसंख्या है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता। कबीर अंत्येष्टि योजना, इंदिरा आवास, वृद्धा पेंशन आदि कई योजनाओं से लोग यहां वंचित है।
बिजली के खंभों से लटक रहा खुला तार
सामाजिक कार्यकर्ता अभय शर्मा बताते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही उज्ज्वला योजना का लाभ लोगों को कुछ हद तक मिला है। वही गैस पाइपलाइन का काम भी इलाके में हो रहा है। वही हनुमाननगर के कई इलाकों की संकीर्ण गलियों में बिजली खंभों पर खुला तार लटक रहा है, जिससे लोगों को खतरा बना रहता है। इलाके में कूड़ा उठाव को लेकर भी निगम का भी काम ठीक से नहीं हो पा रहा है। नहीं हो पा रही इलाके में पानी की सप्लाई इलाके में पानी की सप्लाई कुछ जगहों पर होती है तो कुछ जगहों पर नहीं।
अभय बताते हैं कि पानी की सप्लाई ठीक नहीं होने के कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है। भूगर्भ नाला के निर्माण के बाद पानी के पाइप को आज तक नहीं बदला गया। इसके कारण कई जगहों पर गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत हर घर जल योजना का लाभ लोगों को मिला, लेकिन जगह-जगह पर पाइप फटे होने के कारण स्थिति बदतर हो गई है। 70 साल पहले बसे इस इलाके में जनसंख्या का विस्तार तेजी से तो हुआ है, लेकिन उस आधार पर विकास नहीं हो पाया।
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