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    बीपीएससी के चेयरमैन की करियर कथा: लालू के रेलमंत्री रहते रेल मंत्रालय में तो तेज प्रताप के स्‍वास्‍थ्‍यमंत्री रहते प्रधान सचिव भी रहे थे महाजन

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Wed, 11 May 2022 02:10 PM (IST)

    BPSC PT Paper Leak Case बीपीएससी के पेपर लीक के दौरान आरके महाजन इसके चेयरमैन हैं। वे लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहते कार्यकारी निदेशक थे। बिहार मे ...और पढ़ें

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    बीपीएससी के चेयरमैन आरके महाजन। फाइल तस्‍वीर।

    पटना, आनलाइन डेस्‍क। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) का विवादों से पुराना नाता रहा है। ताजा मामला इसकी सबसे बड़ी संयुक्‍त सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक (BPSC PT Paper Leak) हो जाने का है। इस सिलसिले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब कांड के मास्‍टरमाइंड की तलाश में है। ऐसे में एक सवाल यह है कि आखिर कौन है बीपीएससी का मुखिया रजनीश कुमार महाजन (BPSC Chairman RK Mahajan), जिनके कार्यकाल में यह कांड हुआ है?

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    बीपीएससी के पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्‍य सचिव

    साल 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकरी आरके महाजन बीपीएससी के चेयरमैन हैं। बीपीएससी में जाने के पहले वे शिक्षा विभाग (Department of Education) के अपर मुख्य सचिव थे। बीते 31 अगस्त 2020 को सेवानिवृत्‍त होने के बाद उसी दिन राज्‍य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उन्‍हें एक सितंबर 2020 से बीपीएससी का चेयरमैन (BPSC Chairmen) बना दिया। उनका कार्यकाल छह साल या 62 वर्ष की उम्र सीमा (जो पहले हो) तक है।

    शिक्षा विभाग में रहते शिक्षक बहाली का बड़ा आंदोलन

    महाजन के शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहने के दौरान शिक्षक बहाली को लेकर अभयर्थियों ने आंदोलन खड़ा कर दिया था। काफी बवाल के बाद शिक्षा विभाग ने छठे चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया आरंभ की थी। उनके कार्यकाल में जून 2019 में आरंभ 1.20 लाख प्राथमिक व माध्‍यमिक शिक्षकों की बहाली तय समय पर पूरी नहीं हो सकी थी। शिक्षक बहाली की प्रक्रिया हाल ही में मार्च 2022 में करीब-करीब पूरी हो सकी है।

    सेवानिवृत्ति के अगले दिन बनाए गए बीपीएससी चेयरमैन

    शिक्षक बहाली की प्रक्रिया चल ही रही थी कि महाजन 31 अगस्त 2020 को सेवानिवृत्‍त हो गए। इसके तत्‍काल बाद राज्‍य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्‍हें एक सितंबर 2020 से बीपीएससी का चेयरमैन बना दिया।

    पेपर लीक के बाद विपक्ष के निशाने पर सरकार व आयोग

    उनके कार्यकाल में हुए पेपर लीक के बाद विपक्ष ने सरकार के साथ बीपीएससी को भी निशाने पर लिया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ट्वीट किया कि बिहार के करोड़ों युवाओं का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब 'बिहार लोक पेपर लीक आयोग' (Bihar Paper Leak Aayog) कर देना चाहिए। चिराग पासवान (Chirag Paswan) के अनुसार इतना बड़ा पेपर लीक सरकार की नाकामी को दर्शाता है। इस घटना से बिहार शर्मसार हो गया है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्‍यसभा सदस्‍य सुशील मोदी (Sushil Modi) ने बचाव करते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों में बीपीएससी ने अपनी साख पहले से बढ़ाई है, क्योंकि लालू राज में इसके तीन-तीन चेयरमैन जेल जा चुके हैं।

    लालू व तेज प्रताप के साथ भी निभाई अहम जिम्‍मेदारी

    अब बात लालू राज (Lalu Raj) की आई तो बताते चलें कि संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन की पहले शासनकाल (UPA-1) के दौरान जब लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रेल मंत्री थे, तब महाजन रेल भवन में जन शिकायत कोषांग के कार्यकारी निदेशक बनाए गए थे। बिहार में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सरकार बनी तो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री तो छोटे बेटे तेजस्‍वी याद व उपमुख्‍यमंत्री बने। उस वक्‍त महाजन को शिक्षा विभाग से हटाकर स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया था।

    पेपर लीक कांड का अब तक का अपडेट, एक नजर...

    विदित हो कि बिहार में 802 पदों के लिए बीते रविवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न दो बजे तक 38 जिलों के 1083 केंद्रों पर बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। परीक्षा के पहले ही इंटरनेट मीडिया में प्रश्‍न पत्र वायरल हो गया था। आरा के कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर कुछ परीक्षार्थियों को समय के पहले ही प्रश्‍न पत्र देने के आरोप में अन्‍य परीक्षार्थियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इसके तत्‍काल बाद मामला मीडिया में आ गया। बीपीएससी के चेयरमैन आरके महाजन ने जांच कमेटी बना उसकी जांच के आधार पर उसी शाम परीक्षा को दर कर दिया। उन्‍होंने ही मामले की साइबर सेल से जांच कराने के लिए डीजीपी से आग्रह किया। पुलिस जांच के आधार पर आरा के कुंवर सिंह कालेज केंद्र के अधीक्षक, सहायक अधीक्षक व एक व्‍याख्‍याता तथा स्‍टैटिक मैजिस्‍ट्रेट बनाए गए बड़हरा के बीडीओ जयवर्धन को गिरफ्तार कर लिया है। अब कांड के मास्‍टरमाइंड की तलाश है। जांच जारी है।