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    पटना में सिविल कोर्ट से हथकड़ी लेकर कैदी फरार, बाथरूम के बाहर रस्सा पकड़े खड़ी रह गई पुलिस

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 06:20 PM (IST)

    पेशी के लिए लाया गया कैदी विकास पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी समेत फरार हो गया। वारदात पटना सिविल कोर्ट की है। पुलिस ने विकास के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद हवलदार की लिखित शिकायत पर पीरबहोर थाने में विकास के विरुद्ध प्राथमिकी की गई।

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    सिविल कोर्ट से हथकड़ी लेकर कैदी फरार हो गया। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, पटना। पटना सिविल कोर्ट में एक बार फिर मंगलवार को पेशी के लिए लाया गया कैदी पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी समेत फरार हो गया। उसकी पहचान पालीगंज निवासी मुख्तार सिंह के बेटे विकास कुमार के रूप में हुई है। वारदात के बाद हवलदार ठग राम ने पीरबहोर थाने को सूचना दी। वह बुद्धा कालोनी थाने से जेल भेजा गया था।

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    पीरबहोर थानेदार मो. अब्दुल हलीम ने तत्काल इसकी जानकारी बुद्धा कालोनी और पालीगंज थानों को दी। दोनों थानों की पुलिस ने विकास के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद हवलदार की लिखित शिकायत पर पीरबहोर थाने में विकास के विरुद्ध प्राथमिकी की गई। पीरबहोर थानेदार ने बताया कि आरोपित की तलाश में छापेमारी की जा रही है। भागने में उसका सहयोग करने वालों की पहचान के लिए सीसी कैमरों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

    पेशकार की मदद से हवलदार ने तोड़ा दरवाजा

    हवलदार के मुताबिक, विकास को फुलवारीशरीफ अनुमंडल कारा से सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। उसे एसडीजेएम-द्वितीय की अदालत में पेश कराना था। कैदी वैन से उतरने के बाद हवलदार ने उसे हथकड़ी पहनाई और रस्सी का एक सिरा अपने पास रखा। एसडीजेएम भवन (अदालत घाट की तरफ से सिविल कोर्ट में प्रवेश द्वार-3 से सटा) के ग्राउंड फ्लोर पर विकास ने हवलदार से कहा कि उसे शौचालय जाना है। उसी तल पर बने शौचालय में हवलदार विकास को लेकर गए।

    वह बाहर से रस्सी पकड़े रहे और विकास ने शौचालय के अंदर जाकर दरवाजा बंद कर दिया। करीब 20 मिनट तक हवलदार रस्सी पकड़ा रहा। जब अंदर से कोई आहट नहीं आई तो उसकी नजर रस्सी पर पड़ी, जो जमीन पर गिरी थी। इसके बाद हवलदार ने पेशकार को बुलाया और उनके सहयोग से दरवाजा तोड़ा तो शौचालय में विकास नहीं था। हथकड़ी से बंधा रस्सी का दूसरा छोर कटा था। खिड़की की ग्रिल टूटी मिली, तब विकास की खोज होने लगी, मगर उसका कुछ पता नहीं चल पाया। कयास है कि गंगा का किनारा पकड़ कर वह भाग निकला।

    शातिर अपराधी रहा है विकास

    विकास को बुद्धा कालोनी थाने की पुलिस ने एक लूटकांड में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके पास से हथियार भी बरामद हुआ था। इसके अलावा उस पर लूट, चोरी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को आशंका है कि उसके भागने की साजिश लंबे समय से रची गई होगी। उसके साथी ने खिड़की की ग्रिल पहले से तोड़ कर रख दी थी। विकास अंदर जाते ही ग्रिल हटाकर दूसरी तरफ कूद कर फरार भाग निकला।

    वहीं, कोर्ट में लेकर जाते समय उसके साथी ने ब्लेड भी दिया होगा, जिससे उसने हथकड़ी में बंधी मोटी रस्सी काट दी। कोर्ट हाजत से एसडीजेएम भवन तक जाने के दौरान उससे मिलने वाले लोगों की पहचान करने के लिए सीसी कैमरों के फुटेज का अवलोकन किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि विकास की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीम भी सक्रिय हो गई है। विभिन्न मामलों में उसके साथ अभियुक्त रहे बदमाशों के घरों पर एसटीएफ की टीम दबिश देने लगी है।