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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ सकते हैं बिहार, विधानसभा अध्यक्ष ने दी जानकारी; पीएम के आने का कारण भी बताया

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 30 Jun 2022 10:08 PM (IST)

    विधानसभा भवन शताब्दी समारोह के समापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे। यह जानकारी बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने विधायकों का आह्नान करते हुए कहा कि वे संवैधानिक अधिकारों और वैचारिक आग्रहों का रचनात्मक इस्तेमाल करते हुए जनता की समस्याओं का निदान करें।

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    भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। जागरण आर्काइव।

    राज्य ब्यूरो, पटना : विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा भवन शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे। संभावना है कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री बिहार आएं। विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को विधायकों का आह्नान करते हुए कहा कि वे संवैधानिक अधिकारों और वैचारिक आग्रहों का रचनात्मक इस्तेमाल करते हुए जनता की समस्याओं का निदान करें। 

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    सिन्हा मानसून सत्र के समापन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सदन एक संवैधानिक न्यास है। राजनीति इसका अहम पहलू है।  जन आकांक्षाओं तथा जीवन के कायदे को पूरी तरह केवल राजनीति से ही सूत्रबद्ध नहीं किया जा सकता है। इसलिए हमारा यह प्रयास हो कि लोकतंत्र का मंदिर विमर्श का केंद्र बने। इसे व्यवधान का रंगमंच नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने सदन संचालन में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान दो विधेयक पारित हुए। 713 प्रश्नों के उत्तर दिए गए। सत्र में कुल 81 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई। कुल 139 निवेदन प्राप्त हुए। 

    • - विजय कुमार सिन्हा बोले- सदन को व्यवधान का मंच नहीं बनाया जा सकता
    • - बिहार विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र हुआ समाप्त
    • - मानसून सत्र के दौरान सात सौ से अधिक प्रश्नों के जवाब आए

    प्रेरणादायी बनाने के लिए प्रधानमंत्री आ रहे 

    विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा भवन का शताब्दी वर्ष समारोह समापन की ओर है। इसे ऐतिहासिक और भविष्य के प्रति प्रेरणादायी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं। इस अवसर पर हम समन्वय, सामंजस्य और सहकार से विधायिका की उज्जवल तस्वीर पेश करें। पक्ष-विपक्ष के रूप में हमारी जिम्मेवारी अस्थायी है। हमारा यहां होना न होना भी अस्थायी है, लेकिन सदन और इसकी मर्यादा स्थायी है। हम सबको शताब्दी वर्ष के समापन समारोह को अभूतपूर्व अवसर मानते हुए एकजुटता की तस्वीर पेश करनी चाहिए। उन्होंने समारोह को भव्य बनाने के लिए विधायकों से सुझाव भी मांगा।