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नालंदा में बोले राष्ट्रपति कोविंद- 21वीं सदी में भी प्रेरित कर रहे भगवान बुद्ध के विचार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अपनी एकदिवसीय यात्रा पर बिहार पहुंचे, गया एयरपोर्ट पर राज्यपाल औऱ सीएम ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय धम्म सम्मेलन का उद्घाटन किया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 11:11 PM (IST)
नालंदा में बोले राष्ट्रपति कोविंद- 21वीं सदी में भी प्रेरित कर रहे भगवान बुद्ध के विचार
नालंदा में बोले राष्ट्रपति कोविंद- 21वीं सदी में भी प्रेरित कर रहे भगवान बुद्ध के विचार

राजगीर [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 21वीं सदी में भी भगवान बुद्ध के विचार हमें प्रेरित कर रहे हैं। सही मायने में बुद्ध की सोच 'लाइट ऑफ एशिया' है। राष्ट्रपति गुरुवार को बिहार के राजगीर में अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय व इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय धर्म धम्म कांफ्रेस के उद्घाटन के मौके पर ये बातें कहीं।

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राजगीर स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कांफ्रेस के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति कोविंद के अलावा बिहार राज्यपाल सत्य पाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी  और श्रीलंका के विदेश मंत्री तिलक मारापना ने भी अपने विचार रखे।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में दुनिया की आधी से अधिक आबादी ऐसी जगहों पर रह रही है जो भगवान बुद्ध के ज्ञान से प्रभावित है, भगवान बुद्ध के ज्ञान उन्हें लगातार प्रेरित कर रहे हैं। भगवान बुद्ध ने मानवता के समक्ष एक मॉडल रखा। गौतम बुद्ध के विचार के धागे हमें एक दूसरे से बांधते हैं।


राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म धम्म परंपरा यह कहती है कि किस तरह निरंतरता से खुद को बेहतर करना है। इसकी क्या जरूरत और महत्ता है। किस तरह से हमें उच्च स्तर का ज्ञान हासिल करना है। यह ज्ञान ही है जिससे प्रिंस सिद्धार्थ भगवान बु्द्ध बने और महान योद्धा अशोक बन गए धम्म अशोका।

बुद्ध के विचार हमें बहुआयामी बनाते हैं और खुलेपन का अनुभव देते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर नैतिकता की ओर प्रेरित करते हैं। मानवीय साझेदारी की ओर बढ़ाते हैं। सामाजिक और आर्थिक साझेदारी को आगे लाते हैं। जीने के सिद्धांत की ओर प्रेरित करते हैं। ईमानदारी और पारदर्शिता की ओर हमें ले जाकर सह अस्तित्व की भावना को विकसित करते हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण पूर्व राष्ट्रपति डा.अब्दुल कलाम का सपना था। यह विश्वविद्यालय उनके सपनों का मूर्त रूप है। यह महावीर, बौद्ध तथा गुरुनानक की धरती है, जिन्होंने पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया। उन्होंने वैश्विक समस्याओं के निवारण के लिए अंतररराष्ट्रीय रिजोलुशन सेंटर खोलने पर भी बल दिया।


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