Jan Suraaj Party Symbol: इलेक्शन सिंबल के पीछे क्या है प्रशांत किशोर की मंशा? लालू-नीतीश से जोड़ा कनेक्शन
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को स्कूल का बस्ता चुनाव चिह्न मिला है। इलेक्शन सिंबल को लेकर पार्टी सुर्खियों में है। प्रशांत किशोर ने बताया कि उनकी पार्टी ने स्कूल का बस्ता चिह्न इलेक्शन कमीशन से मांग कर लिया है। पीके ने इसके पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा बिहार के लोगों की गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने का एकमात्र उपाय शिक्षा यानी स्कूल का बस्ता है।
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी को मिले चुनाव चिह्न "स्कूल का बस्ता" के बारे में पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा है कि चुनाव आयोग से मांग कर लिया है। पार्टी ने "स्कूल का बस्ता" चुनाव चिह्न क्यों चुना उसके पीछे का कारण भी स्पष्ट किया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू-नीतीश के 35 साल के राज ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है। इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे बच्चों की पीठ से स्कूल का बस्ता हट गया और आज उनकी पीठ पर मजदूरी का बोझ है।
'स्कूल का बस्ता रोजगार का रास्ता है'
उन्होंने कहा, अब जन सुराज (Jan Suraaj Party) की सोच और संकल्प यही है कि बिहार के लोगों की गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने का एकमात्र उपाय शिक्षा यानी "स्कूल का बस्ता" है। "स्कूल का बस्ता" बिहार के युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता है। अगर बिहार से पलायन रोकना है तो उसका रास्ता भी "स्कूल का बस्ता" ही है।
'जब तक सरस्वती नहीं आएंगी, तब तक...'
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज का संकल्प बिहार में विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराना और यहां के युवाओं को अपने ही राज्य बिहार में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। बिहार के लोगों का विकास बेहतर शिक्षा व्यवस्था से ही हो सकता है, क्योंकि जब तक सरस्वती नहीं आएंगी, तब तक लक्ष्मी वहां निवास नहीं कर सकतीं, इसीलिए जन सुराज ने अपना चुनाव चिह्न "स्कूल का बस्ता" चुना है।
रामगढ़: छेरावरी धाम में प्रशांत किशोर ने किया जनसंवाद
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर प्रचार में जुटे हुए हैं। छठ महापर्व के अवसर पर शुक्रवार की सुबह रामगढ़ स्थित कुलदेवी छेरावरी मां मंदिर, महुअर गांव पहुंचे। वहां उन्होंने देवी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में रामगढ़ के स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
उन्होंने कुलदेवी छेरावरी मां मंदिर के पुजारी और व्यवस्थापक से मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली। इस दौरान वहां उपस्थित सैकड़ों संख्या में रामगढ़ की जनता ने प्रशांत किशोर को प्रदेश का भविष्य बताया। इस दौरान कई लोग मौजूद थे।
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