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    Bihar Politics: प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार को दे दी साफ चेतावनी, अब ये है जसुपा के सूत्रधार का अगला प्लान

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 07:25 PM (IST)

    जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जाति आधारित गणना को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि इसका मकसद सिर्फ राजनीतिक लाभ लेना है। किशोर ने आरक्षण सीमा बढ़ाने और रोजगार के वादों पर भी सरकार से जवाब मांगा। मानसून सत्र से पहले जवाब न मिलने पर विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी।

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    जनसुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर। फाइल फ़ोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पार्टी के पाटलिपुत्र स्थित कैंप कार्यालय में प्रेसवार्ता कर सरकार एवं विपक्ष की कार्यप्रणाली तीखा कटाक्ष किया।

    उन्होंने बिहार की राजनीति को विपक्ष विहीन बताते हुए भाजपा एवं राजद के साथ अन्य दलों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़े किए।

    उन्होंने कहा कि मानूसन सत्र से पहले सरकार उनकी मांगों पर स्थिति स्पष्ट नहीं करती है तो सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे। इससे पहले प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे।

    पीके ने बोला हमला

    पीके ने जाति आधारित गणना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी दल का जाति गणना करने का उद्देश्य समाज का विकास करना नहीं बल्कि सिर्फ अपनी राजनीति के लिए जातिगत उन्माद पैदा करना है।

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    जन सुराज का पहला प्रश्न है कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने की घोषणा का क्या हुआ। नीतीश कुमार बताएं कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकार है तो आरक्षण की सीमा क्यों नहीं बढ़ाई गई?

    दूसरा प्रश्न यह है कि 22 नवंबर को की गई घोषणा का क्या हुआ कि 94 लाख परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी?

    जनसुराज ने किया कटाक्ष

    क्या यह घोषणा भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर खाते में 15 लाख के जुमले की तरह एक जुमला था। तीसरा प्रश्न यह है कि 22 नवंबर को 40 लाख बेघर लोगों को घर के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई थी।

    सरकार को उत्तर देना चाहिए कि अब तक किसको कितनी सहायता दी गई है। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि वे जातीय जनगणना पर श्वेत पत्र पेश करें। तीसरा प्रश्न यह है कि कब भूमि सर्वे के नाम अफसर जनता का शोषण करते रहेंगे।

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