Bihar Politics: 'प्रशांत किशोर ने तो नीतीश कुमार की कुर्सी बचाई', जसुपा का जदयू विधायक पर पलटवार
जसुपा ने कहा कि प्रशांत किशोर ने कभी उपमुख्यमंत्री पद नहीं मांगा बल्कि नीतीश कुमार को सत्ता में वापस लाने में मदद की थी। जसुपा ने जदयू विधायक संजय यादव के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि पीके ने समान नागरिक संहिता के विरोध में जदयू छोड़ा था। जसुपा ने राजद पर परिवारवाद का आरोप लगाया और कहा कि आगामी चुनावों में जदयू को नुकसान की आशंका है।

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) का कहना है कि प्रशांत किशोर (पीके) ने कभी उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मांगा, बल्कि उन्होंने तो नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी कराई। 2015 में प्रशांत किशोर (पीके) से दिल्ली में मिलकर नीतीश ने रणनीतिक सहायता मांगी थी। पीके ने उस समय सहायता की, जब नीतीश का राजनीतिक भविष्य खतरे में था।
सोमवार को प्रेस-वार्ता कर जसुपा के महासचिव किशोर कुमार मुन्ना ने जदयू विधायक संजय यादव के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि पीके ने समान नागरिक संहिता और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के विरोध में जदयू छोड़ा था।
'अपनी योग्यता और परिश्रम से यहां तक पहुंचे'
जसुपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के संदर्भ में किशोर ने कहा कि वे अपनी योग्यता व परिश्रम से यहां तक पहुंचे हैं। परिवारवाद की बात तो वस्तुत: राजद पर प्रभावी होती है, जहां लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ही हो सकते हैं। राजद के उनसे योग्य किसी दूसरे राजनेता को यह सौभाग्य नहीं मिल सकता।
पूर्व एमएलसी रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि संजय सिंह के बयान से स्पष्ट है कि इस बार चुनाव मेंं जदयू को भारी नुकसान की आशंका है। प्रेस-वार्ता में प्रवक्ता सोनाली आनंद भी उपस्थित रहीं।
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