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    PK ने महंगी एंबुलेंस और दिल्ली में फ्लैट खरीदने पर मंगल को लपेटा, बोले- पत्नी उर्मिला के नाम पर...

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 06:51 PM (IST)

    प्रशांत किशोर ने भाजपा नेता मंगल पांडेय पर बाजार भाव से ज्यादा कीमत पर एम्बुलेंस खरीदने और पत्नी के नाम से फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि फ्लैट की खरीदारी में दिलीप जायसवाल ने आर्थिक मदद की थी और किशनगंज के मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा भी दिया गया था। किशोर ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी कठघरे में खड़ा किया है।

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    पीके ने महंगी एंबुलेंस और दिल्ली में फ्लैट खरीदने पर मंगल को लपेटा

    राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा नेताओं के विरुद्ध पोल खोल अभियान-सा छेड़ चुके प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने दिलीप जायसवाल के बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को आरोपों के लपेटे में ले लिया। बाजार भाव से लगभग अधिक मूल्य पर एंबुलेंस और दिल्ली में पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम फ्लैट की खरीदारी पर अंगुली उठाई है।

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    प्रेस-वार्ता में कागजात दिखाते हुए आरोप लगाया कि फ्लैट की खरीदारी में दिलीप से 25 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग रहा। किशनगंज में माता गुजरी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा संभवत: इसके बदले में ही दिया गया। एंबुलेंस प्रकरण में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को भी कठघरे में खड़ा किया है।

    "बात बिहार की" फेसबुक पेज को अपना बताते हुए पीके ने कहा कि इसे हमलोग 2018 से चला रहे। अगर कोई गलती है तो सरकार कार्रवाई करे। भ्रष्टाचार के आरोप में लालू प्रसाद यादव को तो सजा हो गई, लेकिन भाजपा के नेता कंबल ओढ़कर घी पी रहे। दिल्ली के द्वारिका में मंगल पांडेय ने पत्नी के नाम से कोरोना-काल में 86 लाख रुपये में फ्लैट की खरीदारी की। उसमें गवाह दिलीप जायसवाल बने।

    पीके ने आगे कहा कि दिलीप ने मंगल के पिता अवधेश पांडेय के बैंक खाते में 25 लाख रुपये भेजे। वहां से वे रुपये उर्मिला के खाते में गए। वहां से फ्लैट के लिए भुगतान हुआ। उसके बाद किशनगंज स्थित दिलीप के मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला। उससे पहले 2019 तक इसकी डिग्रियां मधेपुरा स्थित बीपी मंडल विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत होती थीं। अब यह स्वयं डिग्री देने लगा है। अगर वह कर्ज था, जो 2020 के चुनावी शपथ-पत्र में मंगल को इसका उल्लेख करना चाहिए था।

    पीके ने कहा कि फरवरी 2022 में 1000 एंबुलेंस की खरीद की निविदा हुई। उसमें टाइप-सी की 466 एंबुलेंस की खरीद 1958257 रुपये की दर से फोर्स मोटर्स से हुई। फोर्स मोटर्स से अप्रैल 2025 में उसी तरह की 250 एंबुलेंस 2747580 रुपये की दर से खरीदी गईं। इससे पहले टाटा मोटर्स का बिड यह कहकर हटा दिया गया कि एंबुलेंस के ड्राइवर वाले हिस्से में एसी नहीं चाहिए।

    टाटा मोटर्स 19 लाख में ही पूर्णतया एसी एंबुलेंस दे रहा था। फोर्स की एंबुलेंस में मात्र मरीज वाले हिस्से में एसी है। यही एंबुलेंस ओडिशा में 16 लाख और यूपी में 12 लाख में खरीदी गई। फोर्स की साइट पर भी इसकी कीमत 21 लाख है।

    एंबुलेंस की खरीदारी के समय प्रत्यय अमृत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव थे। उन्हेंं उत्तर देना चाहिए, क्योंकि अब वे मुख्य सचिव बनने वाले हैं। दिलीप के मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान कार्ड निकासी में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। आश्चर्यजनक यह बिहार में आयुष्मान कार्ड योजना के प्रमुख पहले मंगल पांडेय के निजी सचिव हुआ करते थे।

    पीके के अनुसार, बिहार में लगभग दो दर्जन आईएएस व आईपीएस अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी काली कमाई का निवेश अमेरिका, दुबई और यूके तक में कर रखा है। राजस्थान के न्यायालय ने नकली दवा प्रकरण में मंत्री जिबेश मिश्रा को दोषी ठहराया है। इसके बावजूद वे मंत्रिमंडल में बने हुए हैं।

    भाजपा शासित हरियाणा में बिहार का गरीब संतोष ऋषिदेव मजदूरी करता था। चारा मशीन में उसकी अंगुलियां कट गईं। चिकित्सा कराने के बजाय मालिक ने उसे अनजान जगह ले जाकर छोड़ दिया। अंबाला स्थित एम्स में उसका हाथ काटना पड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बताएं कि दोषी कब तक गिरफ्तार होगा।