डिजिटल डैशबोर्ड पर रोज मिले विधानसभा सीटों की यह जानकारी, महागठबंधन ने की चुनाव आयोग से मांग
पटना में राजनीतिक दलों के साथ बैठक में निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 90% गणना प्रपत्र जमा हो चुके हैं। महागठबंधन ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को अनुचित बताया इसे वंचितों को मताधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र कहा। राजद ने डिजिटल डैशबोर्ड पर जानकारी देने और पुरानी मतदाता सूची से चुनाव कराने का आग्रह किया।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ शनिवार को हुई बैठक में बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि अब तक 90 प्रतिशत गणना-प्रपत्र जमा हो चुके हैं।
विधानसभा चुनाव के निकट होने के हवाले से महागठबंधन के घटक दलों के प्रतिनिधियों ने मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को औचित्यहीन बताया।
उन्होंने कहा कि एसआईआर बड़ी संख्या में गरीबों, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और अल्पसंख्यक वर्ग को संविधान प्रदत्त मताधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र है।
बैठक में राजद का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि मीडिया में कई तरह के आदेश की खबरों से नागरिकों में भ्रम की स्थिति है। निर्वाचन आयोग को स्पष्ट रूप से एक दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए। बीएलओ द्वारा प्रपत्र की पावती नहीं दिए जाने से मतदाताओं के पास कोई साक्ष्य नहीं।
महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटल डैशबोर्ड पर प्रतिदिन विधानसभावार जमा होने वाले गणना-प्रपत्रों की अद्यतन जानकारी देने की मांग की थी। इस मांग पर अविलंब अमल हो। इसी के साथ कम समय का हवाला देते हुए राजद ने इस बार विधानसभा चुनाव एसआईआर से पहले प्रकाशित मतदाता-सूची के आधार पर कराने का आग्रह किया।
बैठक में राजद की ओर से प्रदेश महासचिव मदन शर्मा और मुख्यालय प्रभारी महासचिव मुकुंद सिंह की भी उपस्थिति रही।
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